कठुआ गैंगरेप मामले में बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा गठित कमिटी ने गुरुवार (26 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे दी। सुप्रीम कोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच समिति ने जम्मू बार एसोसिएशन के वकीलों पर लगे पीड़िता की वकील दीपिका सिंह को धमकाने और चार्जशीट को रोकने के आरोपों को खारिज किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि वकीलों की मांग सिर्फ सीबीआई जांच कराने को लेकर थी। मीडिया ने मामले में गलत रिपोर्टिंग की।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जुलाई के लिए टालते हुए कहा कि हम पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए फिक्रमंद हैं और इस रिपोर्ट को मानने के लिए हम बाध्य नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ट्रायल पूरी तरह से निष्पक्ष होना चाहिए ये चाहे पीड़िता के परिजनों के लिए हो या आरोपियों के लिए। इधर गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपी सांझी राम की याचिका पर सुनवाई के लिए भी  सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है और शुक्रवार को पीड़ित के पिता की याचिका के साथ ही इस पर भी सुनवाई होगी। सांझी राम ने याचिका में केस को जम्मू कश्मीर से बाहर ट्रांसफ़र करने का विरोध किया है और पीड़िता के पिता की तरफ से दायर की गई याचिका में उन्हें भी पार्टी बनाने की मांग की है।

इधर कठुआ गैंगरेप और मर्डर मामले में जम्मू कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि इस केस को राज्य से बाहर ना भेजा जाए क्योंकि सुनवाई को बाहर भेजना इसकी जांच पर असर डालेगा। साथ ही सरकार ने कहा कि राज्य में इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए पूरे इंतज़ाम हैं। सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित के पिता की याचिका पर सुनवाई आज को होनी है जिसमें उन्होंने केस को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की है।

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