केंद्र सरकार ने कार और एसयूवी जैसे चार पहिए वाहनों के आगे और पीछे लगाए जाने वाले स्टेनलेस स्टील के बंपर गार्ड या बुल गार्ड को लगाना गैर-कानूनी करार दे दिया है। अगर किसी कार पर यह बुल गार्ड लगाए पाए जाते हैं तो वाहन चलक से जुर्माना वलूला जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस बारे में एक पत्र लिख है। यह पत्र सभी राज्यों के परिवहन विभाग के प्रधान सचिवों, सचिवों और आयुक्तों को लिखा गया है। पत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हमारी जानकारी में ये बात लाई गई है कि अनेक वाहन मालिक अपने वाहनों में अनधिकृत रूप से बंपर गार्ड या बुल गार्ड लगवाते हैं।
पत्र में कहा गया है कि ऐसे बंपर गार्ड का इस्तेमाल मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा-52 का उल्लंघन है और ऐसे वाहन चालकों से जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। उल्लंघन करने वाले चालकों से धारा-190 और 191 के तहत पहली बार 1000 रुपये और दूसरी बार में 2000 रुपये का जुर्माना वसूले जाने का नियम है। इतना ही नहीं अगर कोई इस तरह का वाहन बेचने वाले से भी 5000 रुपये का जुर्माना वसूला जाना चाहिए।
बंपर गार्ड पर रोक लगाने पर सरकार का तर्क यह है कि इससे ना सिर्फ दूसरे लोगों को बल्कि जोरदार टक्कर की हालत में गाड़ी में बैठे लोगों को भी ज्यादा नुकसान हो सकता है। जानकारों का कहना है कि यह बंपर गार्ड जिस जगह फिट किए जाते हैं वहीं पर टक्कर के दौरान सारा बल लग जाता है।
बंपर गार्ड लगे होने से कारों में लगे एयरबैग के सेंसर भी सही ढंग से काम नहीं करते हैं और जब कार की टक्कर हो जाती है तो ऐसी स्थिति में एयरबैग नहीं खुल पाते और गाड़ी में बैठे लोगों को ज्यादा चोट लगती है। इतना ही नहीं सड़क पर हल्की- फुल्की टक्कर के दौरान भी सामने आने वाले किसी व्यक्ति को इस से ज़्यादा चोट पहुंचने की आशंका रहती है।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 52 के मुताबिक मोटर वाहन में ऐसा कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता जिससे मोटर वाहन के आधारभूत फीचर्स जो कि निर्माता द्वारा दिये गये थे बदल जायें और यान का मूल स्वरूप भी बदल जाये ।
उक्त प्रावधानों के अध्यधीन वाहन में परिवर्तन के लिए पंजीयन अधिकारी की पूर्वानुमति आवश्यक होगी।