Environment News: देश में 12 2जी Ethanol संयंत्र बनेंगे, कार्बन उत्‍सर्जन में आएगी कमी

Environment News: जानकारी के अनुसार देशभर में सालाना करीब 2 लाख टन धान की डंडी से करीब 3 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्‍पादन किया जाएगा।

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Environment News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार को पानीपत में 900 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 2जी एथेनॉल संयंत्र का उदघाटन किया है।पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के साथ मिलकर करीब 14 हजार करोड़ की लागत से दूसरी पीढ़ी की 12 बायो रिफाइनरी खोली जाएंगी। इसके लिए सरकार ने 2024 तक का बजट भी जारी कर दिया है। इसके साथ ही देश में कार्बन उत्‍सर्जन में भी कमी आएगी। वर्तमान में अमेरिका और ब्राजील दुनिया में होने वाले 84 फीसदी एथेनॉल का उत्‍पादन करते हैं।

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Environment News: यहां जानिए कैसे कम होगा कार्बन उत्‍सर्जन?

एथेनॉल ईंधन का इस्‍तेमाल बढ़ने से वायुमंडल में कार्बनल उत्‍सर्जन को कम किया जा सकेगा। 2 जी एथेनॉल के इस्‍तेमाल से वायुमंडल में हरवर्ष करीब 3 लाख टन कार्बन उत्‍सर्जन में कमी लाई जा सकेगी। इसके साथ ही एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स में सुधार के साथ ही कुछ नए प्रयोगों पर काम किया जा सकेगा। देश में पर्यावरण का संरक्षण होगा, जो इस प्रोजेक्‍ट का मकसद है।

Environment News: पर्यावरण संरक्षण करना होगा आसान

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वैज्ञानिकों के अनुसार 2जी एथेनॉल का उदघाटन कृषि अवशेषों के साथ लकड़ी और औद्यौगिक इ‍काइयों में सड़ने वाले उत्‍पादों से होता है। एक अनुमान के अनुसार देशभर से हर वर्ष ऐसे करीब 12 से 16 करोड़ टन अवशेषों का उत्‍पादन होता है।सालाना 3000 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्‍पादन हो सकता है, जो पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा।

Environment News: जानिए एथेनॉल की पीढ़ी

1जी : मक्‍के के बीज और गन्‍ने से इसे तैयार किया जाता है। चूंकि दोनों की प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं, ऐसे में दूरगामी भविष्‍य में इससे एथेनॉल का उत्‍पादन संभव नहीं।
2जी: मक्‍के, धान, भूसे,गेहूं की डंडियों और गन्‍ने की पिराई के बाद बचने वाले अवशेषों से ही इसका उत्‍पादन होता है। सरकार ने वर्ष 2047 तक ईंधन के क्षेत्र में भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने का लक्ष्‍य रखा है।

Environment News: धान की डंडी से किया जाएगा तैयार

जानकारी के अनुसार देशभर में सालाना करीब 2 लाख टन धान की डंडी से करीब 3 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्‍पादन किया जाएगा। योजना से किसानों की आय भी बढ़ेगी। अब फसल के उस हिस्‍से से भी कमाई की जा सकेगी, जो‍ किसान बेकार समझकर फेंक देते हैं। इसके साथ ही भारत की कच्‍चा तेल आयात करने की निर्भरता भी धीरे-धीरे कम होती जाएगी।

Environment News: यहां जानिए कौन है एथेनॉल उत्‍पादन में आगे ?

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