Health News: AIIMS के विशेषज्ञ करेंगे दुनिया के पहले Plastic Surgeon ‘महर्षि सुश्रुत’ पर रिसर्च

Health News: भारत में एक किताब जिसका नाम सुश्रुत संहिता है। इसके अंदर महर्षि सुश्रुत ने मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन को करने के तमाम तरीके बताए थे। इसी किताब को आधार बनाकर पूरे विश्व ने सर्जरी सीखी।

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Health News: शक्‍ल को सुंदर बनाने, सुगठित अंग बनाने और कटे अंग को वापस जोड़ने की कला ही प्‍लास्टिक सर्जरी कहलाती है। लेकिन आज भी आबादी के एक बड़े हिस्‍से में इसे लेकर कई भ्रांतियां हैं। इन्‍हीं शंकाओं को दूर करने के लिए हाल में एम्‍स में इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्‍लास्टिक सर्जन की ओर से एक फिल्‍म प्रदर्शनी आयोजित की गई।

इस दौरान एक खास विषय पर भी चर्चा की गई, जिसमें स्‍वास्‍थ्‍य गुरु आचार्य सुश्रुत को देश का पहला प्‍लास्टिक सर्जन बताया गया। बताया गया कि भारत में एक किताब जिसका नाम सुश्रुत संहिता है। इसके अंदर महर्षि सुश्रुत ने मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन को करने के तमाम तरीके बताए थे। इसी किताब को आधार बनाकर पूरे विश्व ने सर्जरी सीखी।
इसी ऐतिहासिक तथ्य को रिसर्च के साथ साबित किया जाएगा।

सुश्रुत को फादर ऑफ सर्जरी के नाम से जाना जाता है। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डॉक्टरों ने डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी को इस बाबत प्रस्ताव भेजा है।उन्हें महर्षि सुश्रुत के काम और आज की मेडिकल सर्जरी की दुनिया के संबंध को साबित करने वाली रिसर्च के लिए मंजूरी दी जाए।

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Health News: काशी में कटी नाक को जोड़ा था महर्षि सुश्रुत ने

Sushruta instruments
Health News: Instruments Used by Susuruta.

ऐतिहासिक स्‍तोत्रों में इस बात के प्रमाण हैं कि दुनिया की पहली प्लास्टिक सर्जरी काशी में करीब 3 हजार वर्ष पहले हुई थी। जब महर्षि सुश्रुत के पास एक व्यक्ति कटी नाक के साथ पहुंचा था।

पहले सुश्रुत ने उस व्यक्ति को नशीला पदार्थ पिला दिया ताकि उसे दर्द न हो। उसके बाद उसके माथे से त्वचा का हिस्सा लिया। पत्ते के जरिए उसकी नाक का आकार समझा और टांके लगाकर नाक बनाकर जोड़ डाली।
सुश्रुत संहिता में इस बात का भी उल्‍लेख है कि वह 125 अलग-अलग सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करते थे। इसमें चाकू, सुई, चिमटे जैसे अलग अलग इंस्ट्रूमेंटस को वे उबालकर ही इस्‍तेमाल करते थे। सुश्रुत संहिता के 184 अध्‍याय हैं। जिसमें करीब 1120 बीमारियों के बारे में बताया गया है। 700 मेडिसन वाले पौधे, 12 तरह के फ्रैक्चर और 7 डिस्लोकेशन यानी हड्डी का खिसकना समझाया गया है।

Health News: केरल के स्‍कूलों में दी जा रही गलत जानकारी

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Health News.

जानकारी के अनुसार केरल स्टेट बोर्ड क्लास नौवीं की किताब में फादर ऑफ सर्जरी के तौर पर कुछ और ही शिक्षा दी जा रही है। किताब में एक अरब मुस्लिम अबू अल कासिम अल जहरावी के बारे में पढ़ाया जा रहा है। वह मदीना में पैदा हुए थे, जबकि सुश्रुत का जन्म 800 ईसा पूर्व हुआ था।

अल जहरावी के जन्म का समय 936 AD मदीना में बताया जाता है। पहले भी बात पर काफी बवाल भी हुआ था, लेकिन आज भी यही शिक्षा छात्रों को दी जा रही है। जबकि मॉर्डन मेडिकल साइंस के जानकार मानते हैं कि 400 साल पहले ही सर्जरी के बारे में दुनिया को पता लगा था।

सुश्रुत ने कई हजार साल पहले इस काम को करके दिखा दिया था।ऑस्‍ट्रेलिया के मेलबर्न में रॉयल ऑस्‍ट्रेलिया कॉलेज ऑफ सर्जंस में बाकयदा महर्षि सुश्रुत की मूर्ति भी लगी देखी जा सकती है। महर्षि सुश्रुत की एक पेंटिंग एम्स के हाल ही में बने प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट में भी बनी है।

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