इस समय देश में मंजर बेहद भयानक है। हर तरफ लोग अपनों को बचाने के लिए ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड तलाश रहे हैं। अपने प्रिय जनों की जान बचाने के लिए लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर मदद की गुहार लगा रहे हैं। इस मौके पर कई लोग इंसान के रुप में भगवान बनकर सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं लेकिन कहते हैं न दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के लोग होते हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबद से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।

इस भयंकर महामारी के समय भी लोग पैसा बनाने में लगे हैं। मरीजों को लूटने का कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यूपी के मुरादाबाद के नामचीन अस्पतालों में तैनात चार कर्मचारी रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़े गए हैं। चारों ही कोरोना संक्रमित हैं। बता दें कि, ये लोग सोशल मीडिया पर इंजेक्शन की मांग कर रहे लोगों को भारी दाम पर रेमडेसिवीर बेचते थे जिसके जरिए मोटी कमाई होती थी। इतना ही नहीं अस्पताल में आन वाले मरीजों को इंजेक्शन में पानी भर कर लगाते थे यही कारण है कि, कई मरीजों की जान भी चली गई।

पकड़े गए कामरान, सद्दाम, पीयूष और जीवन कम समय में अमीर बनना चाहते थे। उनकी इस चाह ने ही सभी को सलाखों के पीछे भिजवाया दिया। कोई कालाबाजारी कर कमाए गए रुपयों से लग्जरी कार खरीदना चाहता था तो कोई प्रेमिका के लिए डायमंड की रिंग गिरफ्ट करना चाहता था। अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए ये लोग कई मरीजों को मौत के घाट उतार चुक हैं।

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर आते ही इंजेक्शनों को चोरी कर कालाबाजारी करना शुरू कर दिया था। 22 दिन के भीतर वे 34 इंजेक्शनों की कालाबाजारी कर चुके थे। हाल ही में कांठ रोड स्थित अस्पताल में दम तोड़ने वाले एक अधिवक्ता के भी दो इंजेक्शन चोरी कर उसे 75 हजार रुपए में बेच दिए थे।

बता दें कि, इस समय देश में लोग भारी ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर दवा, इंजेक्शन का सामना कर रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर फोन नंबर के साथ मदद भी मांग रहे हैं। इंसान के नाम पर हैवान लोग इनकी जरूरतों का फायदा उठा रहे हैं। चारों आरोपी इंटरनेट कॉलिंग के जरिए पीड़ितों से संपर्क करते थे और उन्हें मंहगे दाम पर इंजेक्शन मुहैया कराते थे।

इंस्पेक्टर मझोला मुकेश शुक्ला द्वारा दी हुई जानकारी के अनुसार, इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में रंगे हाथ पकड़ा गया सद्दाम शातिर दिमाग है। वह कांठ रोड स्थित निजी अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ है। उसका भाई गाजियाबाद में सिपाही है। सद्दाम ने अपने भाई की आड़ में भी गाजियाबाद में भी चार से पांच इंजेक्शनों की कालाबाजारी की है। सद्दाम के पकड़े जाने के बाद सिपाही का सिफारिश के लिए फोन भी आया था। उसने गाजियाबाद के कई राजनीतिक लोगों से भी छोड़े जाने की गुहार लगाई थी।

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