दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत (Death) के मामले में नया मोड़ मामने आया है। पुलिस ने पिता की तहरीर पर विभागाध्‍यक्ष और कर्मचारियों के खिलाफ हत्‍या का केस दर्ज कर फिर से जांच शुरू कर दी है।

जिलाधिकारी और एसएसपी के आश्‍वासन के बाद परिजनों ने छात्रा का सोमवार को अंतिम संस्‍कार कर दिया। इस मामले में छात्र नेताओं और राजनीतिक दलों के हस्‍तक्षेप और आंदोलन के बाद पुलस ने अपना रुख बदल लिया हैं। हालांकि पुलिस संदिग्‍ध परिस्थितियों में हुई लड़की की मौत को आत्‍महत्‍या बता रही है।

बता दें कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शनिवार को छात्रा का शव दुपट्टे से लटकता हुआ मिला है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थानीय पुलिस चौकी और परिजनों को शव मिलने की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए जांच की मांग की थी।

शाहपुर थाना क्षेत्र के शिवपुर शाहबाजगंज निवासी बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा प्रियंका होम साइंस की परीक्षा देने के लिए शनिवार को अपने भाई के साथ घर से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गई थी। भाई ने छात्रा को विश्वविद्यालय में छोड़ कर वापस चला गया। कुछ देर बाद छात्रा होम साइंस विभाग के कंपाउंड में दुपट्टे से लटकता हुआ मिला। छात्रा होम साइंस के बेसमेंट में कैसे पहुंची और अपने ही दुपट्टे से फांसी लगाकर उसने कैसे आत्महत्या कर लिया। यह चर्चा का विषय बना हुआ है। मृतका के भाई ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुप्पी साध ली है।

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मृतका के भाई ने बताया कि उसकी बहन प्रियंका घर से हंसी खुशी परीक्षा देने के लिए निकली थी। उसने ही उसे विश्वविद्यालय में छोड़ा था। इसके बाद अचानक से पुलिस का फोन आता है कि आपकी बहन की तबीयत बहुत खराब है। जब विश्वविद्यालय पहुंचकर देखने पर नजारा ही कुछ अलग नजर आया।

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