2 जी का जिन्न एक बार फिर बाहर आ सकता है। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य की कथित संलिप्तता वाले 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े एक मामलों में बुधवार को अपना फैसला जुलाई तक के लिये सुरक्षित रख लिया। छह साल पहले इस मामले में सीबीआई ने पहला आरोपपत्र दायर किया था। विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने 2016 से सभी दलों के तर्कों की सुनवाई के बाद 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके के सांसद कनिमोझी और अन्य आरोपी के रूप में अभियुक्त के रूप में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। यह विशेष अदालत तीन मामलों की सुनवाई कर रही थी, सीबीआई द्वारा दायर दो मामले और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर तीसरे मामले। इन चौदह लोगों के अलावा तीन दूरसंचार कंपनियां- स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल), रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनीटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड भी इस मामले में सुनवाई का सामना कर रही हैं।

सीबीआई के पहले मामले में, मुकदमे का सामना करने वाले, राजा और कनिमोझी, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा, रिलायंस के तीन शीर्ष अधिकारियों अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) – गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर इस मामले में कुसेगाँव फलों एंड सब्जियों प्राइवेट लिमिटेड, असिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी के निदेशक हैं।

अदालत ने यह भी कहा है कि सभी पक्ष कोई अतिरिक्त दस्तावेज पेश करना चाहते हैं तो वे पांच जुलाई तक उसे दाखिल करा सकते हैं।  इससे पहले अदालत ने रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी और पूर्व कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया सहित 154 सीबीआई गवाहों के बयान दर्ज किया है।

उम्मीद है कि इस मामले का अंतिम निर्णय जब जुलाई 2017 में घोषित किया जाएगा, तब एक बार फिर से देश की राजनीति में भू चाल आएगा।

डि- 2 जी का जिन्न एक बार फिर बाहर आ सकता है। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य की कथित संलिप्तता वाले 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े एक मामलों में बुधवार को अपना फैसला जुलाई तक के लिये सुरक्षित रख लिया।

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