राफेल डील पर मोदी सरकार को भारतीय सेना का साथ मिला है। दरअसल, वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने इसे एक बेहतर विमान सौदा करार दिया है। एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा कि सरकार ने 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद कर बड़ा फैसला लिया है। इससे पहले भी वायुसेना प्रमुख ने मोदी सरकार का साथ देते हुए राफेल डील को फायदेमंद बताया था। राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनोआ ने कहा कि राफेल और S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम डील बूस्टर डोज के समान है। उन्होंने कहा कि शत्रु के खिलाफ वायुसेना को उच्च गुणवत्ता वाले और उच्च प्रौद्योगिकी वाले विमान दिए जा रहे हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जैसे ही सरकार के तरफ से राफेल को मंजूरी मिलेगी यह 24 महीनें में हमें मिलने लगेगा। एयरचीफ ने स्क्वॉड्रनों की घटती संख्या पर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि HAL के साथ अनुबंध के बाद भी डिलिवरी में देरी हुई है।
वायुसेना प्रमुख धनोआ ने कहा कि हमारे पास तीन विकल्प थे। पहले कि हम अभी कुछ और इंतजार करते, राफेल लड़ाकू विमान को वापस करते या फिर आपातकालीन खरीद करते। और हमने आपातकालीन खरीददारी की। दोनों ही राफेल और एस-400 वायुसेना की मारक क्षमता को धार देने के लिए एक बेहतर सौदा है। बता दें कि सुखोई-30 की डिलिवरी में 3 साल की देरी हो चुकी है, लड़ाकू विमान जगुआर में 6 साल की देरी हो चुकी है।
बता दें कि राफेल दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण दसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है।