राफेल समझौते को लेकर वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ का भी बयान आ गया है। उनके बयान से ऐसा ही लग रहा है कि वो मोदी सरकार के पक्ष में है। उन्होंने राफेल समझौते को सेना के लिए बहुत आवश्यक बताया है और कहा है कि इससे रक्षा क्षेत्र में काफी मजबूती मिलेगी। बुधवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि आज दुनिया में बहुत कम ऐसे देश हैं जो हमारी तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। हमारे दोनों तरफ परमाणु शक्ति वाले देश हैं। प्रमुख ने कहा कि आज हमारे पास कुल 31 दस्ते हैं, लेकिन 42 दस्तों की जरूरत होती है। अगर 42 दस्तें भी होते हैं तो भी दोनों तरफ की जंग लड़ना आसान नहीं होगा। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि आज हमारे पास कई तरह के हथियारों की कमी है। इन मुश्किलों को देखा जाए तो हम अपने पड़ोसियों के आगे मुश्किल से ही खड़े हो पाएंगे।

वायुसेना चीफ ने इन विमानों को जरूरी बताते हुए इसे देश की हवाई सीमाओं के लिए अहम बताया है। धनोआ ने चीन और पाकिस्तान का जिक्र कर राफेल को देश के लिए जरूरी बताया। उन्होंने बुधवार को कहा कि हमारी स्थिति अलग है। हमारे पड़ोसी परमाणु संपन्न हैं और वे अपने विमानों का आधुनिकीकरण में लगे हुए हैं। राफेल के जरिए हम मुश्किलों का सामना कर पाएंगे।

धनोआ ने कहा कि सरकार भारतीय वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए राफेल विमान और एस-400 मिसाइल खरीद रही है। वायुसेना प्रमुख ने राफेल विमान के केवल दो बेड़ों की खरीद को उचित ठहराया, कहा कि इस तरह की खरीद के उदाहरण पहले भी रहे हैं।

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