पाकिस्तान लगातार एजेंडा चला रहा था कि, धरती के सवर्ग जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार मानवाधिकारों का हनन कर रही है। लंबे समय बाद ही सही लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कबूल कर रह ही लिया कि, भारत सरकार मानवाधिकारों को कायम रखने के लिए जम्मू कश्मीर में काफी काम कर रही है। वहीं चीन को उइगर मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचारों को लेकर फटकार लगाई है। पर प्रेस की स्वंतंत्रता, गैर कानूनी हत्याएं, अभिव्यक्ति की आजादी और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर भारत की आलोचना भी की गई है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बाइडेन प्रशासन के अंदर अपनी पहली मानवाधिकार रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में बाइडेन प्रशासन ने माना कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में सामान्य हालात वापस लाने के लिए लगातार कोशिशें की हैं लेकिन इसी रिपोर्ट में उईगुरों के साथ हो रहे अत्याचारों को लेकर चीन को फटकार भी लगाई है। 

अमेरिकी मानवाधिकार की रिपोर्ट में रूस सरकार की जमकर आलोचना हुई है। रिपोर्ट के अनुसार वहां की सरकार पुतिन व्लादिमीर की नीतियों की खिलाफत करने वालों को निशाना बना रही है। सीरिया के नेता बशर अल-असद पर भी अपने लोगों के खिलाफ अत्याचार किए जाने का आरोप लगाया है। बता दें कि, इस रिपोर्ट को अमेरिकी विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकेन ने जारी किया था।

रिपोर्ट ने अनुसार, भारत सरकार ने धारा 370 खत्म करने के बाद मानवाधिकारों को लेकर कश्मीर में अहम कार्य किया है जैसे कि, नजरबंद नेताओं को रिहा करना, इंटरनेट पाबंदी को खत्म करना, संचार माध्यमों से पाबंधियां हटाई गई हैं। सरकार समय के साथ और अच्छा काम कर रही है।

विदेश विभाग ने अपनी रिपोर्ट में भारत में एक दर्जन से अधिक मानवाधिकारों से जुड़े अहम मुद्दों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें पुलिस की ओर से न्यायेत्तर हत्याओं समेत अवैध कत्ल, अधिकारियों की ओर से दी गई प्रताड़ना, क्रूरता, अमानवीयता या अपमानजनक व्यवहार या सजा के मामले, मनमानी गिरफ्तारियां और कुछ राज्यों में राजनीतिक कैदी प्रमुख शामिल हैं।

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