बीते 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश में हुई थी…एमपी के ग्वालियर, भिंड और मुरैना के इलाकों में हुई कई हिंसक घटनाओं में 8 लोगों की मौतें हुईं थीं…ऐसे में मंगलवार (10 अप्रैल) को होने वाले बंद को देखते हुए प्रशासन किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता…सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है…मध्य प्रदेश के भिंड में कर्फ्यू लगा दिया गया है…पुलिस ने दुकानें बंद करा दी हैं…

ग्वालियर, मुरैना में इंटरनेट सेवा रोक लगा दी गई है…शैक्षणिक संस्थाओं में छुट्टी रखी गई है…प्रशासन के लिए आज होने वाले सवर्णों के आंदोलन से निपटना बड़ी चुनौती बनी है…खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने भिंड कलेक्टर को जरूरत पड़ने पर सेना बुलाने को कहा है…आज के आंदोलन को लेकर मध्य प्रदेश के कई जिलों में दहशत का माहौल है…बंद को देखते हुए भोपाल प्रशासन ने पूरे जिले में धारा 144 लगा दी है…भोपाल डीएम सुदामा खड़े ने इसकी पुष्टि की है…bharat bandh in protest of reservation

वहीं, इसके पहले जबलपुर में कलेक्टर और एसपी द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम में एक बैठक आयोजित की गई…जिसमें शहर के सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और राजनीति से जुड़े लोगों को बुलाया गया था, लेकिन बात नहीं बनी….बैठक में शामिल ब्राह्मण समाज के सदस्यों ने आंदोलन के दौरान कहीं भी हिंसा नहीं होने देने का दावा किया…उन्होंने गुलाब के फूल बांटकर व्यापारियों और नागरिकों से बंद का समर्थन करने की मांग करने का वादा किया है…मुरैना में अफसरों के साथ हुई बैठक में राजनीतिक दलों ने बंद का समर्थन न करने की बात कही है…ग्वालियर में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी यही स्थिति रही…bharat bandh in protest of reservation

मध्य प्रदेश शासन और प्रशासन के लिए अब सवर्णों का आंदोलन बड़ी चुनौती बना है…प्रशासन इस बात से ज्यादा चिंतित है कि, बंद को लेकर ग्वालियर को छोड़कर किसी जिले से कोई संगठन सामने नहीं आया है…वहीं, आज के भारत बंद को देखते हुए लाइसेंसी हथियार थानों में जमा कराने के लिए रविवार को लंबी लाइन लगी…सिटी कोतवाली और थाटीपुर थाने में लोगों को बंदूक जमा कराने के लिए 6 से 7 घंटे तक का इंतजार करना पड़ा…खबर है कि, शनिवार तक ग्वालियर में गोला का मंदिर थाने में 700, थाटीपुर में 500 और मुरार थाने में 425 हथियार जमा कराए गए थे… भारत बंद के दौरान मुरैना में रेलवे स्टेशन पर हुई तोड़फोड़ के मामले में अब तक पांच दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तार हुई है…800 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हैं…करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था…

-एपीएन

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