ईसाईयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ्रांसिस सोमवार से भारत के पड़ोसी देशों के दौरे पर निकले हैं। पर वह भारत नहीं आ रहे, जिसे लेकर भारत में मौजूद रोमन कैथोलिक ईसाइयों की सबसे बड़ी बॉडी ने नाराजगी जताई है। कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (CBCI) के महासचिव बिशप थिओडोर मास्कारेंहस ने कहा कि उन्हें पोप के भारत ना आने का काफी दुख है।

दरअसल धर्मगुरू पोप फ्रांसिस आज से म्यांमार और बांग्लादेश के दौरे पर हैं। पर उन्हें भारत आने का निमंत्रण नहीं मिला है जिसके कारण भारतीय ईसाई नाराज हैं। बिशप थिओडोर मास्कारेंहस की माने तो पोप फ्रांसिस का म्यांमार व बांग्लादेश जाना और भारत न आना भारत के लिए काफी शर्मनाक भी है।

पोप के भारत ना आने की खबर पर बिशप थिओडोर ने कहा कि “यह काफी दुख की बात है, अगर वह भारत आते तो यह पूरे देश के लिए गर्व की बात होती, यह बेहद शर्मनाक है कि पोप हमारे पड़ोस में आ रहे हैं, वह दो छोटे से देशों में जा रहे हैं लेकिन भारत नहीं आएंगे। एक भारतीय होने के नाते मुझे इस बात का काफी दुख है।”

बता दें कि वैटिकन सिटी ने अगस्त में इस दौरे का ऐलान किया था। उस दौरान कैथोलिक बॉडी पोप को भारत द्वारा निमंत्रण दिलवाने की कोशिशों में लगी थी लेकिन सब नाकाम रहा। दरअसल पोप को भारत बुलाने के लिए एक विशेष न्योता दिया जाता है जिसमें कहा जाता है कि वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के मेहमान होंगे पर वो हो न सका।

गौरतलब है कि पोप फ्रांसिस ने रविवार को अपने दक्षिण एशियाई दौरे का आगाज कर दिया है। इस दौरान वह म्यांमार और बांग्लादेश जाएंगे। इस दौरे पर वह दो दिसंबर तक रहेंगे। इस दौरान वह अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे और रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे। इतना ही नहीं वो कल यहां  म्यांमार के राष्ट्रपति हटिन क्याव और विपक्ष की नेता आंग सान सू की से भी मुलाकात करेंगे। म्यांमार में लगभग 650,000 कैथोलिक रहते हैं। पोप स्थानीय बौद्धों से भी मुलाकात करेंगे। वह 30 नवंबर को यात्रा के दूसरे पड़ाव के तहत बांग्लादेश जाएंगे।

हालांकि भारत की अंतिम पोप यात्रा साल 1999 में पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा हुई थी जो कि अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली पिछली एनडीए सरकार के दौरान थी। बिशप थिओडोर ने आगे कहा कि भारत सरकार पोप की यात्रा पर विचार के लिए अधिक समय ले रही है। लेकिन उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि पोप जल्द ही भारत यात्रा पर आ सकते हैं क्योंकि हमारी सरकार से बातचीत इस बारे में जारी है।

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