स्लीपर सेल का जाल वैसे तो भारत में उतना नहीं फैला है लेकिन जिस तरह ब्रह्मोस इंजीनियर निशांत का केस देखा जाए तो मामला कुछ ऐसा ही लग रहा है। इस मामले में अब एक और खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ब्रह्मोस इंजीनियर निशांत अग्रवाल फेसबुक पर ‘नेहा शर्मा’ और ‘पूजा रंजन’ नाम से चल रहे दो फर्जी एकाउंट के जरिये पाकिस्तान के संदिग्ध खुफिया सदस्यों से संपर्क में था। अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि अग्रवाल बहुत संवेदनशील काम में लगे होने के बावजूद काफी लापरवाह था। इस कारण से वह पाकिस्तानी एजेंसियों की जाल में फंस गया।  यूपी एटीएस ने मंगलवार को नागपुर में जूनियर मैजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एस एम जोशी की अदालत में निशांत को पेश कर उसे लखनऊ ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड मांगी जिसे मंजूर कर ली गई है।

बता दें कि निशांत पर सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को देने का आरोप है। यूपी पुलिस के मुताबिक पाक खुफिया एजेंसी द्वारा संचालित दोनों फर्जी फेसबुक अकाउंट्स में से नेहा ने खुद को लंदन बेस्ड बताया था जबकि रंजन ने कहा था कि वह अमेरिका के शिकागो में रहती है। हालांकि सच्चाई यह थी कि दोनों ही फर्जी नामों से अकाउंट इस्लामाबाद से संचालित किए जा रहे थे।

इसी तरह ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी विदेश भेजने का एक और मामला सामने आया है। सेना के परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइल की खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़ हुआ है। बुधवार को इस मामले में अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट निवासी रफीकुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की एक किट मिला है। सेना के तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह जानकारी ब्रह्मोस-2 मिसाइल के संबंध में है, जो अभी तक परीक्षण की प्रक्रिया में है। 2020 में इसे लॉन्च होना है।

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