ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने रुस के 23 राजनायिकों को निष्कासित कर दिया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने एक पूर्व रूसी राजनयिक और उसकी बेटी पर नर्व एजेंट नामक रसायन के जरिए हमला करने के मामले में रूस को जिम्मेदार करार दिया था। उसके 23 राजनयिकों को ब्रिटने से बाहर करने फैसला किया।

थेरेसा मे ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि सर्गई स्क्रेपल और उनकी बेटी की‘ हत्या के प्रयास’ के लिए रूसी सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन रूस के साथ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय संपर्क निलंबित करेगा।

थेरेसा मे ने कहा कि ब्रिटेन 23 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करेगा। ब्रिटेन छोड़ने के लिए इन राजनयिकों के पास एक सप्ताह का समय होगा। उन्होंने इन राजनयिकों को‘ अघोषित खुफिया अधिकारी’ करार दिया है।

थेरेसा मे ने कहा कि ‘‘ पिछले30 वर्षों से अधिक की अवधि में यह एकसाथ हुआ सर्वाधिक लोगों का निष्कासन है और यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि यह पहली बार नहीं है जब रूसी सरकार ने हमारे देश के खिलाफ काम किया। इन निष्कासनों के जरिए हम ब्रिटेन में आने वाले वर्षों में रूसी खुफिया क्षमता को बुनियादी तौर पर कमजोर कर देंगे।’’

वहीं उधर रुसी राजनयिकों को निष्कासित करने के फैसले से रुस भड़क गया है और कहा कि इससे ब्रिटेन और रुस के बीच टकराव बढ़ रहा है। रुसी विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि ब्रिटिश सरकार ने टकराव का विकल्प चुना। रूस ने कहा कि शीघ्र जवाबी कार्रवाई की जाएगी।

रुस मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा कि ब्रिटेन ने एक तरफा जांच करके एक बार फिर से रुस विरोधी रुख का प्रदर्शन किया है। ब्रिटेन के इस रुख को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सहीं समय आने पर इसका जवाब जरुर दिया जाएगा। साथ ही रुस ने कहा कि अगर ब्रिटेन इस मामले की अंतराषट्रीय कानून के अनुसार जांच कराता है, तो मॉस्को इस जांच में पूरा सहयोग करेगा।

आपको बता दें कि शीतयुद्ध के समय भी दोनों देशों ने कई राजनयिकों को निष्कासित किया था। जासूसी के आरोप में उस दौरान ब्रिटेन पहले सोवियत यूनियन के 25 राजनयिकों को देश से निकाल दिया था। इसके बाद ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि दोनों देशों ने एक दूसरे के लगभग 31  राजनयिकों को देश से बाहर निकाला।

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