पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि केन्द्रीय मंत्री विजय सांपला ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों की प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से जटिल बना कर सिख भाईचारे के दर्शनों के सपनों को नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

कैप्टन सिंह ने सांपला के बयान की निंदा करते हुये कहा कि सिख श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया  करवाने के लिए तरीके ढूँढने की बजाय केंद्र सरकार विशेषकर सांपला जैसे  जि़म्मेदार नुमायंदे लगातार ऐतिहासिक गुरूद्वारे के दर्शन करने के  सपने को हकीकत में लाने के रास्ते में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनको  करतारपुर गलियारे को खोलने का फ़ैसला पूरा होता दिख रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि करतारपुर साहिब गलियारे को पार करने के लिए  गरीब और अनपढ़ श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट को ख़त्म करने की संभावनाओं को  रद्द करने और वीजा को आवश्यक बनाने के सांपला के बयान ने एक बार फिर  सिद्ध कर दिया है कि  सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी तथा उसकी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल नहीं चाहती कि श्रद्धालू गुरुद्वारा साहिब के  दर्शन बिना किसी अड़चन के कर सकें।

उन्होंने बताया  कि सांपला का सभी पंजाबियों के  पास पासपोर्ट होने का दावा पूरी तरह गलत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उनका  जनता से संबंध टूट चुका है ,इसीलिये वो गलत  सूचना दे रहे हैं।  भाजपा इस गलियारे को खोलने का सेहरा अपने  सिर लेने की कोशिश कर रही है और दूसरी तरफ़ इसकी प्रक्रिया में अड़चन डाल रही है।

कैप्टन सिंह ने कहा कि पासपोर्ट ख़त्म करना असंभव नहीं है। करतारपुर साहिब को जाने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा परमिट पर यात्रा के दौरान वीज़ा ज़रूरतों को लाजि़मी तौर पर पूरा किया जा सकता है। यह गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होने तक सीमित गतिविधि के लिए होगा। यात्रा परमिट गलियारे में दाखि़ल होने पर बाहर निकालने के लिए काफ़ी होगा। इसके साथ आधार कार्ड (नागरिक का बायोमैट्रिक विवरण) जैसा दस्तावेज़ उन लोगों के लिए पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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