मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव हारने वाले दल इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ ‘फुटबॉल’ जैसा व्यवहार कर रहे हैं। अरोड़ा ने कहा कि जहां तक ईवीएम से छेड़छाड़ का सवाल है तो वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ संभव नहीं है। बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आए सीईसी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘ईवीएम में कभी-कभार तकनीकी समस्या आ सकती है जिन्हें तुरंत ठीक कर लिया जाता है।

ईवीएम में छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। जहां तक साजिश और छेड़छाड़ की चिंता का सवाल है तो यह निश्चित रूप से छेड़छाड़ से परे है। लेकिन अन्य उपकरण की तरह इसमें भी तकनीकी खामी आ सकती है।’ खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के लिए मार्च के पहले हफ्ते में कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को यह संकेत देते हुए लोकसभा चुनाव के साथ कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कराने की संभावना व्यक्त की है।

हालांकि, आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम घोषित किये जाने की तारीख तय करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल आने वाली तीन जून को खत्म होगा। इसके मद्देनजर आयोग ने चुनाव किस महीने में और कितने चरण में कराये जाने हैं, यह तय करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।

गौरतलब है कि कई राजनीतिक दलों द्वारा समय-समय पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किए जाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं। इस मसले पर कई बार अनेक नेताओं ने विरोध भी जताया है। कुछ दल तो ईवीएम के स्था न पर बैलट पेपर के जरिये ही मतदान कराए जाने की मांग कर चुके हैं। दूसरी ओर चुनाव आयोग हमेशा यह कहता आया है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है। इसलिए चुनाव ईवीएम के जरिये ही कराए जाएंगे। मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं है।

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