मध्यप्रदेश में गोहत्या के आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के बाद आलोचना झेल रही कमलनाथ सरकार ने अब गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले के खिलाफ भी सख्त ऐक्शन लेने की चेतावनी दी है। बता दें पिछले दिनों खंडवा जिले खरखाली गांव में गोहत्या के मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाया गया था।

इस फैसले के बाद कांग्रेस सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। अब माना जा रहा है कि सरकार अल्पसंख्यकों की नाराजगी दूर करने की कोशिश में यह दावा कर रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोशाला विधेयक पर एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद कहा है कि गोरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग करने वाले या हिंसा भड़काने वाले किसी भी शख्स को छोड़ा नहीं जाएगा।

वहीं भोपाल दक्षिण-पश्चिम से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ रासुका लगाया गया है, उनके परिजनों के मुताबिक उनमें से कोई भी गोहत्या में शामिल नहीं था। मसूद ने कहा, ‘अगर सरकार गोहत्या पर ऐक्शन ले रही है तो गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ भी ऐक्शन लेना चाहिए।’

कांग्रेस अल्पसंख्य सेल ने भी नई दिल्ली में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में विरोध जताया। सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी गोहत्या पर रासुका लगाने के फैसले को गैरजरूरी बताया। हालांकि, एक ओर जहां कांग्रेस के अंदर इसे लेकर विरोध है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया है।

बता दें कि हाल ही में राज्य में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें गोरक्षकों ने मवेशी ले जाने वाली गाड़ियों को रोककर चालकों पर हमला किया। उधर, पुलिस ने तीन आरोपियों में से दो के खिलाफ अवैध तरीके से गायों को ट्रांसपोर्ट करने का केस भी दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी आदतन अपराधी हैं। उन्हें 29 जनवरी को मवेशियों के साथ पकड़ा गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here