कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत का विजयी अभियान जारी है। यह ऐसा अभियान है जहां सोने की बारिश हो रही है। जी हां, राष्ट्रमंडल खेलों के तीसरे दिन शनिवार(सात अप्रैल) को भारत को फिर खुशखबरी मिली। जब भारोत्तोलक खिलाड़ी सतीश कुमार शिवालिंगम ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए एक और स्वर्ण पदक जीता। सतीश कुमार के इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर उनके लिए बधाइयों का तांता लग गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित अनेक लोगों ने उन्हें ट्विटर पर बधाई दी। सतीश साल 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। सतीश ने भारत को  यह पदक पुरुषों के 77 किलोग्राम भारवर्ग में दिलाया। उन्होंने मैच में 144 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया तो वहीं क्लीन एंड जर्क में 173 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया। कुल मिलाकर उनका स्कोर 317 रहा। खास बात रही कि  उन्हें क्लीन एंड जर्क में तीसरे प्रयास की जरूरत नहीं पड़ी।

इससे पहले संजीता चानू और मीराबाई चानू ने स्वर्ण पदक दिलाया था। बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में शुरू हुए थे। भारत पहली बार 1934 में शामिल हुआ था। इस तरह 84 साल में भारत वेटलिफ्टिंग में अब तक 41 गोल्ड जीत चुका है। कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत का यह तीसरा गोल्ड मेडल है और कुल पांचवां पदक है। खास बात है कि अब तक सभी मेडल वेटलिफ्टिंग से ही आए हैं। सतीश ने पदक वितरण समारोह के बाद कहा, ‘राष्ट्रीय चैंपियनशिप में क्लीन एवं जर्क में 194 किग्रा भार उठाने के प्रयास में मेरी जांघ में चोट लग गई थी और मुझे यहां पदक जीतने की उम्मीद नहीं थी। यह मांसपेशियों से जुड़ी समस्या है। मैं अब भी पूरी तरह फिट नहीं था, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं तब भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा।’

वहीं इस मुकाबले में इंग्लैंड के जैक ओलिवर को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। उन्होंने कुल 312 का अंक अर्जित किया। आस्ट्रेलिया के फ्रांकोइस इटुउंडी ने 305 के कुल स्कोर के साथ कांस्य पदक हासिल किया।

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