प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगो से कांग्रेस की चुनावी घोषणों पर विश्वास नही करने की अपील करते हुए आरोप लगाया कि उसने 50 वर्षों तक झूठ बोलकर एवं लोगो को गुमराह कर देश पर शासन किया। छत्तीसगढ़ के महासमुन्द में पीएम मोदी ने आज यहां एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस वादा कर चुनाव जीतने का खेल करती रही है। इसके कारण ही वह लोकसभा में 440 से 40 सीटों पर पहुंच गई फिर भी उसकी झूठ बोलने की आदत नही जा रही है। हाल ही हुए कर्नाटक चुनावों में उसने किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था,लेकिन सत्ता में आने पर उससे मुकर गई। वहां के अखबार इसकी कथाएं छाप रहे है। सैकड़ो किसानों को वारंट निकला है,उन्हे जेल भेजने की तैयारी है।


उन्होने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच वर्ष के लिए परिवार के बाहर का कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के उनके सवाल का सीधा जवाब नही मिला है।उन्होने श्री पी चिदम्बरम का नाम लिए बगैर उनके द्वारा कांग्रेस अध्यक्षों के नामों सहित उत्तर का उल्लेख करते हुए कहा कि परिवार के दरबारी द्वारा उनके प्रश्न का सीधा और सही उत्तर नही दिया गया है।
इस मसले पर और आक्रामक रूख अपनाते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस के दिवंगत पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि दलित शोषित वंचित वर्ग से आए और मजबूरी में बैठाए गए व्यक्ति को दो वर्ष भी इस पद पर झेल नही पाए और किस तरह उन्हे दरवाजे से उठाकर फेंक करके मैडम सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाया गया,इसे पूरे देश ने देखा है।इस परिवार से तो दरबारी भी सवाल पूछने की हिम्मत नही करते,वह क्या जवाब देंगे।

मोदी ने आरोप लगाया कि केन्द्र की यूपीए सरकार ने अपने शासनकाल के 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ की अनदेखी की।विकास कार्यों के लिए न तो पर्याप्त मदद नही की,और न ही नक्सलवाद से निपटने में सहयोग किया।मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के हाथ बंधे थे फिर भी उन्होने राज्य को विकसित करने तथा नक्सलवाद से निपटने में अपने संसाधनों से ताकत झोंकी।
उन्होने कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद साढ़े चार वर्षों में ही डा.सिंह को खुलकर काम करने का मौका मिला।उन्होने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने भाजपा शासित राज्यों की अनदेखी की उन्हे विकास के लिए धन नही दिया।वह उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते जानते है कि किस तरह से दिल्ली के साथ लड़ना पड़ता था।उस समय का रिमोट कन्ट्रोल ऐसे परिवार के पास था जोकि भाजपा का नाम सुनना पसन्द नही करता।
छत्तीसगढ़ के गठन के 18 वर्ष होने की व्यक्ति के जीवन से तुलना करते हुए उन्होने कहा कि 18 से 23 वर्ष की उम्र बहुत ही अहम होती है।कोई गलती भविष्य के लिए मुसीबत का कारण बन सकती है।हमें ध्यान देना है,और कोई गलती नही करना है तथा एक बार फिर भाजपा को राज्य की सत्ता में बैठाना है।उन्होने कहा कि दिल्ली के समर्थन से डा.सिंह छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलने के काम को और तेज करेंगे।
उन्होने कहा कि क्या आज की युवा पीढ़ी चाहेंगी कि उनके बड़े बुजुर्गों ने जो परेशानी और मुश्किल भरी जिन्दगी जी है,वह आगे भी उन्हे जीनी पड़े।इस दौरान किसने शासन किया और कौन इसके लिए जिम्मेदार है।उन्होने कहा कि जिन्होने देश की यह हालत कर रखी थी वह उनसे साढ़े चार साल का हिसाब मांगते है। पहले वह अपनी चार पीढ़ी का जवाब तो दे।
 -साभार, ईएनसी टाईम्स

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here