दुनिया में साइबर अटैक्स अब बढ़ते जा रहे हैं। रूस समेत कई देशों पर एक बार फिर से साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है। इस बार इस मालवेयर वायरस का नाम ‘बैड रैबिट’ है। इस वायरस का असर अब दिखने लगा है। रूस की इंटरफैक्‍स न्‍यूज एजेंसी और यूक्रेन के ओडिसा एयरपोर्ट पर विमान सेवाएं भी इसके कारण प्रभावित हुईं हैं। हालांकि इसकी वजह से अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है, मगर अमेरिका ने साइबर हमले को लेकर चेतावनी जारी कर दी है।

बता दें कि एक साइबर फर्म ईएसईटी  की माने तो इस साइबर इस हमले के आधे से ज्यादा पीड़ित रूस से हैं। इसके बाद यूक्रेन, बल्गेरिया, तुर्की और जापान हैं। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी ने ‘बैड रैबिट’ को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यह एक प्रकार का वायरस है, जो आपके कम्प्यूटर को लॉक कर देता है और उसे अनलॉक करने के लिए पैसा मांगता है।

वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि इससे डाटा को इस तरीके से खत्म का दिया जाएगा ताकि बाद में यह देश इन्हें वापस से रिट्रीव भी न कर सके। इसके बारे में तो यह तक कहा जा रहा है कि अगर इसे पैसे दे भी दिया जाए तब भी हमारे सेव किए हुए डेटा वापस नहीं आने वाला।

साइबर कंपनी ईएसईटी के शोधकर्ता रॉबर्ट लिपोस्की की माने तो एक अच्छी तरह से समन्वित अभियान था। रॉबर्ट लिपोस्की का कहना है कि यह हमले परेशान कर रहे हैं क्योंकि हमलावरों ने परिवहन संचालकों सहित बहुत महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को तुरंत संक्रमित किया है। इससे साफ पता चलता है कि यह ‘अच्छी तरह से समन्वित’ अभियान था।’

गौरतलब है कि मई-जून में इसी तरह के साइबर हमले की वजह से दुनिया भर में कई बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए ही अमेरिका ने चेतावनी जारी की है। हालांकि रिसर्चस का मानना है कि  यह सिर्फ तमाम डाटा को खत्म करने के लिए बनाया गया है।

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