भारत एक बहुत बड़ा देश है, पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक, यहां हरेक प्रकार के लोग रहते हैं। अनेक प्रकार की भाषाएं बोली जाती है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां हर व्यक्ति अपनी कोई भी बात, विचार को दुनिया के सामने रख सकता है। हालांकि यह प्रावधान जनता के लिए काफी अच्छा है लेकिन कई लोग इसका गलत फायदा भी उठाते रहते हैं। इसका ताजा उदाहरण एक फिर देखने को मिला जब देश के एक छोर पर बैठे एक नेता ने देश के दूसरे छोर पर आतंकवाद से लड़ रहे जवानों के सम्बन्ध में बड़ा विवादित बयान दिया।

दक्षिण भारत के राज्य केरल के सत्ताधारी पार्टी सीपीएम के सचिव कोडियारी बालकृष्णन ने कहा कि सेना को अगर पूरी ताकत दे दी जाती है, तो वे कुछ भी कर सकते हैं। सेना किसी महिला का अपहरण और रेप कर सकती है, किसी को गोली मार सकती है, लेकिन किसी को उनसे सवाल करने का हक नहीं है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कन्नूर में बालकृष्णन ने अल्पसंख्यकों के संरक्षण पर एक सेमिनार में कहा, ‘वे (सेना) किसी के साथ कुछ भी कर सकते हैं। चार से ज्यादा लोगों को साथ देखने पर उन्हें गोली मार सकते हैं। वह किसी भी महिला को उठा कर दुष्कर्म कर सकते है, किसी को उनसे सवाल करने का अधिकार नहीं, जिस भी राज्य में सेना है, वहां ऐसी ही स्थिति है।’

गौरतलब है कि केरल में मई महीने की शुरुआत में सत्ताधारी सीपीएम के कथित कार्यकर्ताओं ने आरएसएस के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही केरल में मौजूद बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने सीपीएम का विरोध करना शुरू कर दिया। केरल बीजेपी के अध्यक्ष कुम्मनन राजशेखरण ने राज्य में राजनीति की वजह से होने वाली हत्याओं के बारे में लोगों को ध्यान दिलाते हुए कन्नूर में अफ्सपा लगाने की मांग की थी, जिसके विरोध में बालकृष्णन ने यह बयान दिया।

सीपीएम नेता बालकृष्णन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और नागालैंड में आफ्सपा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) लागू किया गया है और इन दोनों ही राज्यों में सेना ने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साथ बड़ा ही गलत बर्ताव किया है। उन्होंने कहा कि अगर यह नियम कन्नूर में लागू हो गया तो यहां भी वैसा ही होगा जैसा की बीजेपी और आरएसएस के लोग मांग कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here