Crime Against Women: अंकिता भंडारी हत्याकांड से लेकर हाथरस केस तक…बढ़ रहा है महिलाओं के खिलाफ अपराध

डर और शर्म के मारे औसतन जिन मामलों को सुना और बोला तक नहीं जाता, उन्हें छोड़ दें तो National Crime Records Bureau के मुताबिक, एक दिन में छेड़छाड़ के 7 और बलात्कार के कम से कम 6 मामले दर्ज किए जाते हैं।

0
284
Delhi News: द्वारका में नाबालिग पर युवकों ने फेंका तेजाब, नाजुक हालत में भर्ती पीड़िता
Delhi News: द्वारका में नाबालिग पर युवकों ने फेंका तेजाब, नाजुक हालत में भर्ती पीड़िता

Crime Against Women: उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली अंकिता भंडारी की पिछले दिनों हत्या कर दी गयी। इस मामले में बीजेपी के एक नेता का बेटा पुलकित आर्य को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया है। अंकिता हाल ही में पुलकित आर्य के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर तैनात हुई थी। अब इस घटना को लेकर देश भर में गुस्से का माहौल है। पीड़िता के परिजनों ने सरकार के सामने शर्त रखीं है कि जब तक अंकिता का पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, वो उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हालांकि बीजेपी ने आरोपी के पिता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। लेकिन सवाल ये उठता है कि भारत जैसे विकासशील देश, जिसके पास कई सारे सपने हैं। जहां के लोग दुनिया के शीर्ष देशों की सूची में गिना जाना चाहते हैं। क्या आधी आबादी के खिलाफ भीषण अपराधों से यह संभव होगा?

Ankita Bhandari Case
Ankita Bhandari Case

Crime Against Women: महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले

कुछ दिन पहले झारखंड से खबर आई थी कि एक 19 साल की बच्ची को जला दिया गया है। इस मामले में उसके कथित प्रेमी को गिरफ्तार किया गया था। 16 दिसंबर को इंजीनियरिंग की 19 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार किया गया, गला घोंटकर उसे आग के हवाले कर दिया गया। झारखंड के ही सिमडेगा जिले में काला जादू करने के आरोप में 14 दिसंबर को एक बुजुर्ग महिला और उसके पति को जलाकर मार डाला गया था। जिंदा जलाने का एक और मामला खूंटी जिले से सामने आया था जहां 12 दिसंबर को काला जादू करने के आरोप में एक महिला को भी जिंदा जला दिया गया था।

इससे पहले सरायकेला-खाकरसावा जिले में कथित सामूहिक बलात्कार के प्रयास का विरोध करने पर एक नाबालिग लड़की को जलाकर कुएं में फेंक दिया गया था। झारखंड के ही दुमका में एक नाबालिग लड़की को फांसी पर लटका दिया गया, उसकी मां ने आरोप लगाया कि उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे मारकर पेड़ से लटका दिया गया। हाथरस का मामला भी एक ऐसा मामला था जिसने देश को झकझोर कर रख दिया था। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की एक छोटी बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। सवर्ण जाति के चार लोगों ने रेप के बाद उसे बेरहमी से घायल कर दिया था। ऐसे और भी कई मामले सामने आ रहे हैं।

Crime Against Women: एनसीआरबी की डेटा में क्या है?

हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ दर्ज अपराधों ने देश को हिलाकर रख दिया है। देश अब कानून-व्यवस्था बनाए रखने के बारे में जवाब चाहता है। यह भारत जैसे देश के लिए शर्म की बात है जहां हम महिलाओं को देवी मानते हैं और उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है। अपराधी के मन में निर्भयता ही ऐसे अपराधों की जड़ है। इसके खिलाफ न केवल पुलिस बल्कि न्यायपालिका को भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। एनसीआरबी डेटा के मुताबिक, देश में 2021 में प्रतिदिन औसतन 86 बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ प्रति घंटे 49 अपराध दर्ज किए गए। 2020 में देश में रेप के मामलों की संख्या 28,046 थी और 2019 में 32,033 थी।

महिलाओं के खिलाफ अगर सबसे अधिक अपराध वाले राज्य की बात करें तो 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लिस्ट में 6,337 मामलों के साथ राजस्थान शीर्ष पर है, 2,947 मामलों के साथ मध्य प्रदेश, 2,496 मामलों के साथ महाराष्ट्र और 2,845 मामलों की सूची के साथ उत्तर प्रदेश को पांचवें स्थान पर है। जबकि दिल्ली में बलात्कार के 1,250 मामले दर्ज किए गए। राजस्थान में प्रति लाख जनसंख्या पर बलात्कार की अपराध दर 16.4 है, इसके बाद चंडीगढ़ में 13.3, दिल्ली में 12.9, हरियाणा में 12.3 और अरुणाचल प्रदेश में 11.1 है।

download 2022 09 25T170014.320
Crime Against Women

डर और शर्म के मारे भी नहीं होते केस दर्ज

डर और शर्म के मारे औसतन जिन मामलों को सुना और बोला तक नहीं जाता, उन्हें छोड़ दें तो National Crime Records Bureau के मुताबिक, एक दिन में छेड़छाड़ के 7 और बलात्कार के कम से कम 6 मामले दर्ज किए जाते हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं, साल दर साल रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली में सिर्फ आधे महीने में ही रेप के 1100 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। देशभर में 2021 में महिलाओं के खिलाफ दर्ज अपराध के मामले 4.28 लाख से अधिक थे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2019 -2020 में मामलों में गिरावट दर्ज की। हालांकि, इसके पीछे की वजह लॉकडाउन को बताया जाता है।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here