‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करने वाली बीजेपी सचमुच इस राह पर तेजी से आगे बढ़ रही है क्योंकि दूसरे पार्टियों के नेताओं को भी शामिल करने में वह जरा भी गुरेज नहीं कर रही। कुछ सालों से इस प्रक्रिया को जितने तेजी से भाजपा ने अपनाया है, वह सचमुच हैरान कर देने वाला है। लेकिन अपने सूझबूझ और कूटनीतिक रणनीतियों से उसने दूसरे पार्टियों के दिग्गज नेताओं को अपने पाले में शामिल करके अपनी पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया है। हाल ही में बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मचाने के बाद अब यूपी में सपा-बसपा के आंतरिक भाग में भाजपा ने सेंध मारी की है। जी हां, सपा के तीन एमएलसी और बसपा के एक एमएलसी ने अपने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने भाजपा को ज्वाइंन करने के संकेत भी दे दिए हैं।

जहां एक तरफ सपा एमएलसी बुक्कल नवाब,यशवंत सिंह और मधुकर जेटली का इस्तीफा सामने आया तो वहीं बसपा एमएलसी जयवीर सिंह ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के तीन दिवसीय लखनऊ दौरे पर अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सपा और बसपा को लगे झटकों से यूपी के राजनीति में घमासान मचा हुआ है। अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार से लेकर यूपी तक बीजेपी पॉलिटिकल करप्शन कर रही है।” वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बीजपी की सत्ता की भूख ने सारी हदें पार की, बीजेपी वाले लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। इधर शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव पर निशाना सांधते हुए कहा कि- अभी भी वक्त है अखिलेश को सपा की बागडौर नेताजी को सौंप देनी चाहिए।

बता दें कि इस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को विधानमंडल की सदस्यता लेनी है। इस तरह सपा-बसपा खेमे से हुए इन चार इस्तीफों से यूपी विधानपरिषद में चार सीटें खाली हुई हैं। हाल-फिलहाल में कोई और चुनाव नहीं होने वाला है यानी तीनों की एंट्री MLC के इस्तीफ़े से ख़ाली हुई सीटों के जरिए कराई जाएगी। कहा ये भी जा रहा है कि इन तीनों के लिए ही सपा-बसपा नेताओँ ने अपनी सीटों का त्याग किया है।

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