दिल्ली में सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्‍पणी के बाद राहत की उम्‍मीद खत्‍म हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग के मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार (18 जुलाई) को कहा कि अनाधिकृत निर्माण की सीलिंग और ध्‍वस्‍त करने का काम लगातार जारी रहेगा।

दिल्ली में सीलिंग के साथ-साथ अवैध निर्माण गिराने का काम और तेज होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त रूख अपनाया है और सरकार के ढुलमुल और हीलाहवाली वाले रवैये पर कटाक्ष किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के पास मैन पॉवर है, लेकिन वो सो रही है, उनके पास स्लीपिंग पावर भी है। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि जब हम आपसे कार्रवाई करने की बात करते है तो आप हाथ खड़े कर देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब सपेशल टास्क फोर्स अतिक्रमण हटाने जाती है तो स्थानीय पार्षद और विधायक विरोध क्यों करते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सीलिंग की और अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई में तेज़ी लाने को कहा कोर्ट ने अवैध निर्माण करने वालों से 48 घण्टों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि संबंधित विभाग नोटिस के 48 घंटो के बाद अवैध निर्माण पर कानून के मुताबिक कार्रवाई करे। जिस बिल्डर, ठेकेदार या आर्किटेक्ट ने इसे किया है, उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो।

सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को मिलने वाली सुरक्षा पर कहा कि जब इनको काम करने से रोका जाता है तो उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस वाले हाथ बांधे खड़े रहते है। केंद्र की तरफ से पेश अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि उनको नोटिस दिया गया है। केंद्र ने बताया कि डीडीए ने 9 जुलाई को मोबाइल ऐप लांच किया है। इस ऐप पर दिल्ली वाले अवैध निर्माण की शिकायत कर सकते हैं। डीडीए के वाइस चेयरमैन ने बताया कि अब तक कुल 438 शिकायतें मिली हैं। पूरी दिल्ली को 32 ग्रिड में बांटा गया है और एक नोडल अफसर को इंचार्ज बनाया गया है। ज़ोन में किसी भी अवैध निर्माण की ज़िम्मेदारी नोडल अफसर की होगी।

एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि लगभग 2352 नोटिफाइड सड़कों पर व्यापारिक गतिविधियों की इजाजत दी गयी है और इसकी वजह से ट्रैफिक की रफ्तार कम हो जाएगी और प्रदूषण बढ़ेगा। कॉन्ट्रैक्टर, बिल्डर अर्टिटेक्ट को ब्लैक लिस्ट करने के सुझाव पर कोर्ट ने केंद्र से कहा कि इस पर 2 हफ्ते में दिशा निर्देश तय करें। कोर्ट ने ये भी कहा कि डिजिटल मैपिंग की संभावना तलाशिए और STF इसमें इसरो और नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर से मदद ले। उपायुक्त विश्वेन्द्र सिंह के स्थानान्तरण पर कोर्ट ने केंद्र से हलफनामा मांगा। MCD इंजीनियर को धमकी दिए जाने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को व्यक्तिगत पेशी के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम लोग लोगों के जीवन के लिए लड़ रहे है और जो उसके लिए जो पैसा आ रहा है उसका उपयोग नहीं हो रहा है। एक अन्य मामले का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि लोग ऐतिहासिक धरोहरों में अपना बसेरा बनाये हुए हैं। कुछ दिन पहले अखवारों में देखा कि दिल्ली की मिंटो रोड पर बस पूरी तरह से पानी में डूबी हुई है और मुम्बई में गड्ढो की वजह से लोगों की मौत हो रही है। दिल्ली में जो हुआ वो ये दर्शाता है कि सरकारी तंत्र कैसे काम कर रहा है। कोर्ट ने ये भी कहा इस मामले में जो निर्देश दिए है उसके बाद हम चाहते है कि दिल्ली की तर्ज पर ही हर राज्य में नागरिक संस्थाएं काम करें।

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