Gurmeet Ram Rahim Singh को आजीवन कारावास की सजा, 2002 में की थी डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रंजीत सिंह की हत्‍या

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Ram Rahim
Gurmeet Ram Rahim Singh

डेरा सच्चा सौदा (DSS) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसान (Gurmeet Ram Rahim Singh Insan) इस समय बलात्कार और अन्‍य मामलों की सजा काट रहे हैं। पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने आज सोमवार को गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य लोगों के खिलाफ 2002 में उनके पूर्व प्रबंधक Ranjeet Singh की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 8 अक्टूबर को पंचकूला (Panchkula) की विशेष सीबीआई अदालत ने रंजीत सिंह की हत्या के लिए बाबा और उसके 4 शिष्यों को दोषी ठहराया था।

मई 2002 में डेरा प्रमुख पर साध्वी के द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाने वाला गुमनाम पत्र प्रचलन में आने के बाद, डेरा प्रबंधन ने इस के पीछे के व्यक्ति को खोजना शुरू किया और इस पूरे मामले में रंजीत सिंह के शामिल होने के संदेह पर जुलाई 2002 में राम रहीम के अनुयायियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पिता जुड़े थे डेरा सच्चा सौदा से

राम रहीम के शुरूआती जीवन की बात करे तो उनका जन्‍म राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में मगहर सिंह के घर में हुआ था। उनके पिता जमींदार थे। माँ नसीब कौर गृहिणी थी। पिता बहुत पहले ही डेरा सच्चा सौदा के संपर्क में आ गए थे। डेरा सच्चा सौदा की बात करे तो इसकी स्‍थापना बाबा बलूचिस्तानी बेपरवाह मस्ताना ने की थी। सिख धर्म में दलितो के साथ भेदभाव के कारण पिछड़े और दलित वर्गों के लोगों को बाबा बलूचिस्तानी के विचारों ने आकर्षित किया।

छोटे मोटे काम करने वाला राम रहीम डेरा प्रमुख बन गया

बाबा बलूचिस्तानी बेपरवाह के बाद डेरा के प्रमुख बने शाह सतनाम और राम रहीम के पिता मगहर सिंह सतनाम शाह के अनुयायी बन गए और अपने आध्यात्मिक गुरू के विचारों को फैलाने में जुट गए। मगहर सिंह का बेटा गुरमीत उतना आध्यात्मिक नहीं था, लेकिन अपने पिता के साथ डेरे में गया और वहां का पूरी तरह से कार्यकर्ता बन गया। वो वहां पर छोटे-मोटे काम करता था जैसे ट्रैक्टर चलाना, पिता की मदद करना आदि। सब को चौकाते हुए डेरा प्रमुख शाह सतनाम ने गुरमीत सिंह को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया और उन्हें हुज़ूर महाराज गुरमीत राम रहीम का नाम दिया।

साध्वी रेप केस

2002 में तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक गुमनाम पत्र लिख कर यह आरोप लगाया गया था कि राम रहीम सिंह ने दो साध्वी का यौन शोषण किया है। इसके बाद उच्च न्यायालय ने सिरसा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र में लगे आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था और पांच साल बाद 2007 में चार्जशीट दायर की गई थी। 25 अगस्त 2017 को राम रहीम को विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने बलात्कार का दोषी ठहराया और उन्‍हें जेल हुई।

सिरसा पत्रकार हत्याकांड

पत्रकार चंदर छत्रपति (Chander Chhatrapati) की 24 अक्टूबर 2002 को उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब उनके अखबार ‘पूरा सच’ ने एक गुमनाम पत्र प्रकाशित किया था जिसमें बताया गया था कि कैसे सिरसा में डेरा मुख्यालय में गुरमीत राम रहीम द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा है। पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के मामले में पंचकूला की एक अदालत ने राम रहीम और उनके तीन अनुयायियों कृष्ण लाल, कुलदीप सिंह और निर्मल सिंह को जेल की सजा सुनाई थी।

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