फतेहपुर के गाजीपुर थाना क्षेत्र गोकन घाट में खनन माफिया यमुना की कोख से भारी पैमाने पर मशीनों के द्वारा मोरंग का अवैध खनन कर रहे हैं। दर्जनों की संख्या में गरजती पोकलैंड मशीनें यमुना की कोख को छलनी कर करोड़ों की मोरंग निकालने के लिए लगाई गई है। अच्छी और कीमती मोरंग की चाहत में मोरंग माफिया नदी की धारा से मोरंग निकाल रहे हैं लेकिन प्रशासन को कुछ भी नहीं दिख रहा। कैमरे में कैद इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है की खनन माफिया लाल सोने की लूट के लिए किस तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसकी तस्दीक कैमरे पर ट्रक ड्राइवर गोवर्धन और मजदूर रामदास सहित स्थानीय महिला ने भी की।

गाजीपुर के गोकन में करोड़ों के मोरंग का अवैध खनन

करोड़ों की मोरंग की लूट और राजस्व को चूना लगाने का यह नजारा फतेहपुर के जिम्मेदार कुछ अधिकारियों को बिल्कुल नहीं दिखता, क्योंकि उनकी मुट्ठियां गर्म की जाती है। जांच के नाम पर अधिकारियों के खनन एरिया में पहुंचने के पहले खनन माफिया को सूचना मिल जाती है और अवैध खनन में लगी सारी मशीनों को मौके से हटाकर जंगलों में छिपा दिया जाता है। वहीं अधिकारी सब कुछ नियमों के मुताबिक होने का दावा करते नहीं थकते। मामले में जिलाधिकारी अंजनेय कुमार सिंह का दावा है कि तहसील स्तर पर टास्क फोर्स टीम को नजर रखने के विशेष निर्देश दिए गए हैं।

करोड़ों की मोरंग के खेल में अधिकारी शामिल

अवैध खनन के मामले में कुछ समय पहले ही फतेहपुर में एसडीएम, खनन अधिकारी और क्षेत्राधिकारी समेत आधा दर्जन अधिकारियों के निलंबन के बावजूद मोरंग माफिया की मनमानी जारी है। इससे साफ़ है की सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ अधिकारियों को बार-बार सुधर जाने के भले ही निर्देश देते रहे लेकिन अधिकारी सरकारी राजस्व की लूट करवाने में ऐसे जुटे हैं जैसे कि ये उनका कर्तव्य हो।

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