कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद बहुमत को लेकर मच रहे घमासान के बाद अब जहां जहां पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनी है वहां वहां विपक्ष सत्तारूढ़ पार्टी को घेरने में लग गया है। इसी क्रम में पहला नाम बिहार का है जहां विपक्षी पार्टी राजद ने बहुमत पारित करने के लिए आवाज उठाई है। तेजस्वी यादव कर्नाटक की तर्ज पर बिहार में भी आरजेडी की सरकार बनाने की मांग राज्यपाल से कर रहे हैं। वहीं बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू लगातार तेजस्वी पर हमला बोल रहा है। गुरुवार को जेडीयू ने खुला पत्र लिखकर तेजस्वी को ‘मनोहर पोथी’ पढ़कर ‘अंकगणित’ मजबूत करने की सलाह दी तो अब जेडीयू ने उन्हें कहा है कि ‘बबुआगिरी’ से काम नहीं चलेगा उन्हें संविधान और राज्यपाल के अधिकारों को जानना होगा। इससे पहले आरजेडी ने गुरुवार को कहा कि गैरबीजेपी दलों को इससे सीख लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प खड़ा करने के लिए आंदोलन छेड़ना होगा।
जेडीयू ने अपने पत्र में तेजस्वी को लेकर कहा कि आज आप अपने दल के सभी विधायकों को लेकर राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं। परंतु शायद आपको लोकतंत्र और सरकार बनाने के नियमों का ज्ञान नहीं। सरकार बनाने का दावा पेश करने के पूर्व विधानसभा में वर्तमान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर संख्याबल के द्वारा वर्तमान सरकार गिरानी पडत़ी है और इसके बाद नई सरकार बनाने का मार्गप्रशस्त होता है। तेजस्वी जी, लोकतंत्र में ‘बबुआगिरी’ काम नहीं आता। लोकतंत्र, संविधान और मर्यादाओं से चलती है। वैसे इसमें आपका दोष भी नहीं। आपको अनुभव और मेहनत के बिना न केवल पद बल्कि संपत्ति भी हासिल हो गई है।
बता दें कि कर्नाटक मामले को लेकर आरजेडी भी बीजेपी पर वार कर रही है। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि बीजेपी नेता येदियुरप्पा को कर्नाटक के 25वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई है और इस तरह केंद्र में सत्तासीन बीजेपी ने संवैधानिक प्रावधानों और परंपराओं की धज्जियां उड़ाकर लोकतंत्र को खतरे में डाला है। घुवंश ने राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन की मोहलत दिए जाने की निंदा करते हुए आरोप लगाया था कि इससे विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा