चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बाद जस्टिस एके सीकरी ने भी खुद को नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाने के खिलाफ लगी याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति सीकरी सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाने वाली उच्च अधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा थे।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक गुरुवार को जैसे ही मामला सुनवाई के लिए आया, जस्टिस सीकरी ने गैरसरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे को बताया कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं और खुद को इससे अलग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आप मेरी स्थिति समझते हैं, मैं इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकता।’

गौरतलब है कि जस्टिस सीकरी सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा को पद से हटाने वाली उच्च अधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय सिलेक्शन कमिटी ने मैराथन बैठक कर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाने का बड़ा फैसला लिया था।

समिति के अन्य सदस्यों में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी शामिल थे। जस्टिस सीकरी देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की तरफ से उपस्थित हुए थे। इस दौरान यह भी फैसला हुआ था कि नए डायरेक्टर की नियुक्ति होने या अगला आदेश आने तक CBI के अपर निदेशक एम. नागेश्वर राव एजेंसी चीफ का कामकाज देखेंगे।

जस्टिस सीकरी के मामले से अलग होने पर वकील दुष्यंत दवे ने कहा, ‘इससे काफी हताशा हो रही है। ऐसा लग रहा है कि जज इस मामले की सुनवाई करना ही नहीं चाहते हैं। पहले CJI ने खुद को अलग कर लिया था और अब जस्टिस सीकरी भी खुद को मामले की सुनवाई से अलग कर रहे हैं।’ जइस माले मामले की सुनवाई को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है। अब दूसरी पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

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