दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली आप सरकार अब खुद ही भ्रष्टाचार के आरोप में फंस गई है। खास बात ये है कि केजरीवाल सरकार ऐसे समय में इन आरोपों में फंसी है जब हाल ही में सीएम केजरीवाल ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर नेताओं से मांफी मांगनी शुरु कर दी। बता दें कि राशन घोटाले के बाद दिल्ली सरकार का एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। दिल्ली सरकार के लेबर डिपार्टमेंट के अधीन कंस्ट्रक्शन बोर्ड में 139 करोड़ के घोटाले का आरोप हैक। दिल्ली लेबर यूनियन के अध्यक्ष सुखबीर शर्मा ने इस घोटाले का ख़ुलासा किया है, जिसके मुताबिक़ फ़र्ज़ी मज़दूरों को 139 करोड़ रुपये दिए गए। इस आरोप में अब कौन-कौन फंसेगा ये तो पता नहीं लेकिन इसकी गाज केजरीवाल पर गिरनी पक्की है।

भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी  अब करोड़ों के घोटाले मामले में फंस गई।  भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष की शिकायत पर श्रम विभाग के खिलाफ छह धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायत में कहा गया है कि सरकार के श्रम मंत्रालय ने कई कामकाजी लोगों का भी अवैध तरीके से दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण करा दिया, जबकि किसी भी कंपनी में काम  करने वालों व चालक आदि की नौकरी करने वालों का वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण नहीं कराया जा सकता है।

इस घोटाले के बाद विपक्षी पार्टियां सक्रिय भूमिका में आ गई हैं और केजरीवाल सरकार को उन्होंने घेरना शुरू कर दिया है। केजरीवाल सरकार पर यह आरोप लग रहा है कि वोट बैंक मजबूत करने के मकसद से नियमों का दरकिनार कर ऐसा कदम उठाया है। एफआइआर में 139 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही गई है। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने केस दर्ज करने की पुष्टि की है। एसीबी ने मुकदमा दर्ज करने से पहले जांच की तो उसे ऐसे कई कामकाजी लोग मिले जिनका सरकार ने अवैध तरीके से बोर्ड में पंजीकरण करवाया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here