अयोध्या की विवादित ढांचा ध्वस्त होने की 26वीं बरसी छह दिसम्बर को श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये आत्मदाह की धमकी देने वाले महंत परमहंस दास को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर तपस्वी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास अपने आश्रम के सामने स्थित अशोक वृक्ष के नीचे एक चिता बनाकर आत्मदाह की धमकी दी थी जिसको जिला प्रशासन ने हटा दिया था लेकिन परमहंस द्वारा दुबारा आत्मदाह की धमकी देने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) के सामने प्रस्तुत किया। मजिस्ट्रेट ने चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में रखते हुए उन्हे जेल भेजने के निर्देश दिये।

मंदिर निर्माण को लेकर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास अपने आश्रम के सामने स्थित अशोक वृक्ष के नीचे एक अक्टूबर से सात अक्टूबर तक आमरण अनशन पर बैठे थे। पुलिस प्रशासन ने उन्हें उठा करके पीजीआई लखनऊ में ले जाकर भर्ती करा दिया था। पांच दिन पीजीआई में भर्ती होने के बाद अयोध्या के विधायक वेदप्रकाश गुप्ता ने उन्हें अपने साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास ले जा करके आमरण अनशन तोड़वाया था।

महंत परमहंस दास ने उसके बाद अपने आश्रम के सामने एक चिता बना करके यह घोषणा किया था कि अगर छह दिसम्बर के पहले मंदिर का निर्माण नहीं शुरू होता है तो मैं आत्मदाह कर लूंगा। जिला प्रशासन ने चिता को भी हटवा दिया था फिर दुबारा आत्मदाह की धमकी देने पर पुलिस ने आज उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। इस बीच जिला प्रशासन ने छह दिसम्बर को विभिन्न संगठनों द्वारा किये जा रहे बयानों से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये हैं।

साभार, ईएनसी टाईम्स

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here