Marital Rape अपराध है या नहीं ? मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट,High Court के फैसले को दी चुनौती

Marital Rape: गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2017 के हलफनामे में वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण की मांग वाली याचिका का विरोध किया था।

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Marital Rape
Marital Rape

Marital Rape: सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिककर्ता खुशबू सैफी ने जस्टिस शकधर के फैसले का समर्थन करते हुए जस्टिस हरिशंकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।जिसमें जस्टिस हरिशंकर ने फैसला देते हुए कहा था कि यह प्रावधान किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करता है और यह अस्तित्व में रहेगा।

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Supreme Court

Marital Rape: HC ने फैसले में असंवैधानिक करार दिया था

Marital Rape
Delhi High Court

जस्टिस राजीव शकधर ने अपने फैसले में IPC की धारा 375 के अपवाद 2 को असंवैधानिक करार दिया। जिसमें पत्नी के बालिग होने किं स्थिति में IPC की 375 की धारा 2 पतियों को वैवाहिक दुष्‍कर्म के आरोप से सुरक्षा प्रदान करती है।

दरअसल मैरिटल रेप को अपराध न घोषित करने की धारा को खत्म करने के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच का अलग-अलग फैसला सुनाया था।
मैरिटल रेप के अपराधीकरण के फैसले पर हाईकोर्ट में से एक जज ने अपने फैसले में मैरिटल रेप को जहां अपराध माना है वहीं दूसरे जज ने इसे अपराध नहीं माना था।

Marital Rape: केंद्र ने किया था याचिका का विरोध

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2017 के हलफनामे में वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण की मांग वाली याचिका का विरोध किया था। इसके विपरीत, सरकार ने 12 जनवरी 2022 को दायर अपने नए हलफनामे में कहा कि उन्होंने विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगे हैं, क्योंकि सरकार आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधन करने की प्रक्रिया में है।

वहीं हाईकोर्ट ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने के मामले में पक्ष रखने के लिए बार-बार समय मांगने पर केंद्र सरकार के रवैये पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। हाईकोर्ट ने केंद्र को समय देने करने से मना करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने वैवाहिक बलात्कार अपराधीकरण पर अपना निर्णय सुना दिया है।

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