एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में लगी है तो वहीं हैकर और दलाल शिक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर व्यापार करने की सोचते रहते हैं। एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है। देशभर के मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा नीट क्वालिफाई करने वाले लाखों छात्रों का डाटा लीक होकर मेडिकल माफिया के पास पहुंच चुका है। क्वालिफाई छात्रों के पास आ रहे दलालों के मैसेज, फोन, ईमेल इसकी पुष्टि कर रहे हैं। ये दलाल नीट-यूजी में निचली रैंकवाले छात्रों को भी 50 से 70 लाख रुपए के बदले कॉलेजों में प्रवेश दिलवाने का दावा कर रहे हैं। हैरत की बात तो ये है कि कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो पैसे के लिए पर्सनल डाटा देने की बात करते हैं। इन वेबसाइट पर मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार व दूसरे राज्यों के लिए क्वालिफाई छात्रों का डाटा भेजा जा रहा है। खुलेआम डाटा बिकने की घटना सीबीएसई के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के चिकित्सा शिक्षा विभाग को भी संदेह के दायरे में खड़ा कर रही है।

मामले में सबसे बड़ी समस्या ये है कि छात्रों से बड़े पैमाने पर संपर्क कर चुके इन लोगों का कोई स्रोत चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसर पता नहीं कर पाए हैं। उन तक डाटा लीक होने और उसको लेकर सौदेबाजी चलने की जानकारी तो पहुंच गई है, पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की। बता दें कि डाटा का सैंपल लेने के लिए मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाता है। इसे वेबसाइट पर दर्ज करने पर तीन नीट क्वालिफाई छात्रों की निजी जानकारी दी जाती है। जब इन्हें निकालकर जांच की तो सभी सही निकले।

ऐसी एक वेबसाइट नीटडाटा. कॉम ने राज्यवार सूची डाल रखी है। किसी भी राज्य का डाटा खोलने पर नंबरों की सूची आ जाती है, जिसके अंतिम तीन अंक छुपे हुए होते हैं। वेरिफिकेशन के लिए मांगे जाने पर अंतिम 3 अंक भी उपलब्ध करवा देते हैं। इसके बाद दलाल सामने आते हैं और सीट दिलवाने का ऑफर करते हैं।

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