अरविंद केजरीवाल और मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ शिकायत दर्ज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति को लेकर भड़काऊ बयान देने का आरोप

New Delhi: अरविंद केजरीवाल और मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ शिकायत दर्ज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति को लेकर भड़काऊ बयान देने का आरोप

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New Delhi: complaint filed against arvind kejriwal mallikarjun kharge
New Delhi: complaint filed against arvind kejriwal mallikarjun kharge

New Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देते हुए भड़काऊ बयान देने के आरोप में शिकायत दर्ज की गई है। इसके चलते अब ये दोनों नेता एक नए विवाद में फंस गए हैं। दरअसल, दर्ज की गई शिकायत में कहा गया है कि इन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के आयोजन के मौके पर बात करते हुए भड़काऊ भाषण दिए। अब इस मामले में आईपीसी की धारा 121, 153ए, 505 और 34 IPC के अंतर्गत शिकायत दर्ज की गई है।   

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन की मांग को लेकर कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया है। जबिक बीजेडी, जेडीएस समेत 25 दल समारोह में शामिल होंगे। इस मुद्दे पर सियासत जोरों पर है।

क्या बोले थे मल्लिकार्जुन खड़गे?

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किए जाने पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होनें कहा था कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार दलित और जनजातीय समुदायों से राष्ट्रपति केवल चुनावी वजहों से बनाती है। खड़गे ने ये भी कहा कि जब शिलान्यास हुआ था तब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को निमंत्रण नहीं दिया गया था और अब नए संसद भवन के कार्यक्रम में द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किया गया है।

खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं। वह अकेले सरकार और विपक्ष के साथ ही हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करतीं तो ये लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सरकार के कमिटमेंट का प्रतीक माना जाता है।

क्या बोलकर फंसे केजरीवाल?

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर मोदी सरकार पर निशाना साधकर ट्वीट करते हुए कहा था कि दलित समाज पूछ रहा है कि क्या उन्हें अशुभ मानते हैं, इसलिए नहीं बुलाते? बता दें, केजरीवाल ने मोदी सरकार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अपमान का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के शिलान्यास पर भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था और न ही नए संसद के शिलान्यास कार्यक्रम में बुलाया गया है। 

दरअसल, विपक्षी दलों की मांग है कि प्रधानमंत्री को अपनी बजाए राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन कराना चाहिए।

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