न्यू इंडिया, न्यू टारगेट, नया चेहरा : मोदी मंत्रिमंडल का लेखा-जोखा

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हफ्तों की बैठक और विचार विमर्श के बाद आखिरकार मोदी मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार आज हो ही गया।  इस विस्तार में जहां नौ नये चेहरों को कैबिनेट में जगह मिली है तो वहीं चार मंत्रियों का प्रमोशन भी हुआ है। मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेद्र प्रधान का प्रमोशन हुआ है। उन्हें राज्यमंत्री से कैबिनेट का दर्जा दिया गया है।

वहीं अनंत हेगड़े, वीरेंद्र कुमार और हरदेव सिंह पुरी को मंत्री बनाया गया है। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह तथा पूर्व गृह सचिव और बिहार के आरा से सांसद आरके सिंह को भी मंत्री बनाया गया है। गजेंद्र सिंह, अल्फोंस कन्नाथनम, शिवप्रताप शुक्ला और अश्विनी चौबे को भी मंत्री बनाया गया है।

कैबिनेट के न्यू इंडिया, न्यू टारगेट, नए चेहरे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी दफा मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए कुछ पुराने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के साथ नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल की जिम्मेदारी सौंप दी। कैबिनेट में कुल 75 मंत्री हैं। इसमें 27 कैबिनेट मंत्री, 11 स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री और 37 राज्यमंत्री बनाए गए हैं। मंत्रिमंडल के इस विस्तार में 9 नए राज्य मंत्री बनाए गए हैं।

केबिनेट मंत्री की सूची –

  1. पीयूष गोयल- रेल मंत्रालय, कोयला मंत्रालय
  2. निर्मला सीतारमण- रक्षा मंत्रालय
  3. धर्मेंद्र प्रधान- केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
  4. मुख़्तार अब्बास नक़वी- अल्प संख्यक मामलों 

फेरबदल किए गए विभागों की सूची व उनके पद-

  1. नितिन गडकरी- गंगा सफ़ाई मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया
  2. राज्यवर्द्धन सिंह राठौर- खेल एवं युवा मामले (राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार)
  3. विजय गोयल- संसदीय कार्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
  4. महेश शर्मा- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन में राज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार
  5. सुरेश प्रभु- केंद्रीय वाणिज्य मंत्री
  6. गिरिराज सिंह- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार)

ये नए नौ मंत्रियों की सूची व उनके पद-

  1. शिव प्रताप शुक्ला – वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री
  2. अश्विनी कुमार चौबे – स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में राज्य मंत्री
  3. डॉ. वीरेंद्र कुमार – महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
  4. अनंत कुमार हेगड़े – कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
  5. राज कुमार सिंह – पावर मंत्रालय के राज्य (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री, राज्य मंत्री नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के (स्वतंत्र प्रभार)
  6. हरदीप सिंह पुरी – राज्य मंत्री आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार)
  7. गजेंद्र सिंह शेखावत – कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
  8. डॉ सत्यपाल सिंह – मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री और जल संसाधन मंत्रालय में राज्य मंत्री नदी के विकास और गंगा कायाकल्व
  9. अल्फोंस कननानथनम – राज्य मंत्री पर्यटन मंत्रालय की (स्वतंत्र प्रभार), और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय राज्य मंत्री

इस कैबिनेट विस्तार में खास बात यह रही कि किसी भी सहयोगी दल से  कोई भी मंत्री नहीं बनाया गया। इस सूची में एनडीए के सहयोगी जेडीयू और शिवसेना को शामिल नहीं किया गया है। खबरों के मुताबिक उन्हें बाद में मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि शिवसेना की नाराजगी की खबर है। शिवसेना ने शपथग्रहण के बहिष्कार का फैसला किया है।

cabinetवहीं जिन लोगों ने आज मंत्री पद की शपथ ली उनमें से अधिकतर अपने प्रोफेशन में निपुणता रखते हैं। इनमें 2 पूर्व आईएएस, 1 पूर्व आईपीएस, 1 पूर्व आईएफएस शामिल हैं। जिस तरह प्रफेशनल्स को टीम में जगह दी गई है उससे साफ लगता है कि अगले डेढ़ साल सरकार के लिए गवर्नेंस और जमीन तक काम पहुंचना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सूत्रों के अनुसार नए मंत्रालयों को अहम मंत्रालयों में रणनीतिक रूप से लाया जा रहा है। खासकर लोगों तक सीधे पहुंच बनाने पर पूरा ध्यान है।

बता दें कि इस फेरबदल से अमित शाह और पीएम मोदी ने हर समीकरण को साधने की कोशिश की है। इस फेरबदल के नेताओं की पृष्ठभूमि अगर देखी जाए तो आप समझ जाएंगे कि भाजपा ने इसे 2019 के चुनाव को देखते हुए भी किया है। साथ ही यह ‘बैलेंस ऑफ़ पॉवर’ की भी कोशिश है।

बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे  जहां बिहार के सुशील मोदी ग्रुप के इतर नेता माने जाते हैं  तो वहीं  पूर्व गृह सचिव और आरा से सांसद आरके सिंह का बिहार में अच्छा खासी पकड़ है।वह अपने डीएम के कार्यकाल से ही अच्छे काम करने के लिए जाने जाते हैं।

उधर केरल के पूर्व आईएएस अल्फोंस का चयन बेहद अहम माना जा रहा है। बीजेपी केरल में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले फायरब्रांड नेता अनंत कुमार हेगड़े को जगह मिली है। वह उन नेता में शामिल थे, जिन्होंने कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था।

वहीं ईस्ट यूपी से कलराज की जगह गोरखपुर से राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल को शामिल किया गया है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवप्रताप योगी के विरोध के चलते हाशिए पर थे। योगी ने उनके खिलाफ 2002 में आधिकारिक तौर पर राधामोहन अग्रवाल को हिंदू महासभा का उम्मीदवार बनाया था और शिवप्रताप हार गए थे। 2016 में उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया गोरखपुर से शिवप्रताप को मंत्री बनाना पॉवर बैलेंस की कवायद मानी जा रही है।

इस तरह नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करते हुए 4P फॉर्म्युले को आधार यानी P-पैशन (जुनून), P-प्रफिशंसी (निपुणता), P-प्रफेशनल एक्युमेन (व्यावसायिक कुशाग्रता), P-पॉलिटिकल एक्युमेन (राजनीतिक कुशाग्रता) को मान कर यह बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार किया है।

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