NSA Ajit Doval: चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Chinese FM Wang Yi) ने दिल्ली में शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से करीब एक घंटे बातचीत की है। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से साफ-साफ कहा कि तत्काल सीमा से सेना हटाने और उन मुद्दों को हल करने के बाद ही भारत चीन का दौरा कर सकता है। बता दें कि चीन ने एनएसए को अपने देश का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था। डोभाल ने जिन तात्कालिक मुद्दों पर चीनी विदेश मंत्री से बातचीत की उनमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिरोध शामिल है।
NSA Ajit Doval और वांग की 10 बजे हुई मुलाकात
गौरतलब है कि डोभाल और वांग ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख पंक्ति और यूक्रेन में संकट के भू-राजनीतिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बातचीत की। लगभग दो साल पहले शुरू हुए पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद संबंधों में गंभीर तनाव के बाद दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तरीय बैठक में भाग लेने चीनी विदेश मंत्री गुरुवार शाम दिल्ली पहुंचे थे। चीनी विदेश मंत्री सुबह करीब 10 बजे बातचीत के लिए डोभाल के कार्यालय पहुंचे। डोभाल के साथ बातचीत के बाद वांग का अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से भी मिले।
सैन्य वार्ता का 15वां दौर किया गया था आयोजित
बता दें कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में शेष घर्षण बिंदुओं में आमने-सामने की समस्या को हल करने के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता कर रहे हैं। वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने कुछ घर्षण बिंदुओं से पहले ही सैनिकों को वापस ले लिया। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में लंबित मुद्दों को हल करने के लिए 11 मार्च को भारत और चीन ने उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का 15वां दौर आयोजित किया था, हालांकि इसका अब तक कोई खास नतीजा नहीं निकल सका है।
बताते चलें कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया। 15 जून, 2020 को गालवान घाटी की झड़पों के बाद आमना-सामना बढ़ गया। झड़पों में 20 भारतीय सैनिक और अनिर्दिष्ट संख्या में चीनी सैनिक मारे गए थे।
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