बिहार में बोर्ड परीक्षाओं में नकल और फिर कॉपी की जॉच में होने वाली हेराफेरी का मामला सालों से चर्चा  का विषय रहा है। पटना हाईकोर्ट ने अब इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि मैट्रिक परीक्षाओं की कॉपियों की जांच अयोग्य और अनुभवहीन शिक्षकों से कैसे कराई गई। इस मामले में सख्त रूख अपनाते हुए पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को एक सप्ताह में जबाब देने का निर्देश दिया है। रामपुकार यादव की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह ने सरकार से सवाल पूछते हुए एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि बिहार में मैट्रिक परीक्षा में काँपियों का मूल्यांकन मिडिल स्कूल के शिक्षकों द्वारा कराये जाने का मामला सामने आया था। आपको बता दें कि कई जगह शिक्षकों ने खुद इस मामले में आपत्ति जताते हुए सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया था। इसके बाद कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई। इसके अलावा बिहार में शिक्षकों की हड़ताल के कारण मैट्रिक और इंटर दोनों की कॉपियों के मूल्यांकन का काम खासा प्रभावित हुआ था। इस मामले में एक सप्ताह बाद फिर से सुनवाई होगी।

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