Rahul Gandhi की मुश्‍किलें कम होने का नहीं ले रहीं नाम, मानहानि के अन्‍य 6 मामलों की सुनवाई अभी बाकि

Rahul Gandhi: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राजनीति लड़ाई लड़ने और फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करने की बात कही है।

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Rahul Gandhi: Cases against Rahul Gandhi
Rahul Gandhi: Cases against Rahul Gandhi

Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने सदस्‍यता रद्द कर दी।साल 2019 में कर्नाटक की रैली में ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है’ बोलने पर सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी पाया है।कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है।हालांकि उनकी सदस्‍यता रद्द होने पर विपक्षी दलों का उन्‍हें समर्थन मिल रहा है।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राजनीति लड़ाई लड़ने और फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करने की बात कही है।राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि से जुड़े करीब 6 मामले अभी भी चल रहे हैं। अधिकांश मामलों की सुनवाई गुजरात की अदालतों में चल रही है। आइए इसके बारे में जानते हैं विस्‍तार से।

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Rahul Gandhi: गांधी की हत्या में संघ का हाथ

Rahul Gandhi: पूर्व सांसद राहुल गांधी पर ये आरोप है कि उन्होंने 6 मार्च, 2014 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ बताया था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि आरएसएस के लोगों नें गांधी जी को मारा था, और वो आज गांधीजी की बात करते हैं।
इस मामले में आरएसएस की भिवंडी इकाई के आरएसएस सचिव राजेश कुंटे ने राहुल गांधी पर 2018 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राजेश कुंटे का ये कहना है कि राहुल ने संघ की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सवाल उठाया है। मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।

Rahul Gandhi: असम मठ पर दी टिप्पणी

Rahul Gandhi:दिसंबर 2015 में राहुल गांधी के खिलाफ असम में आरएसएस के एक स्वयंसेवक ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। आरएसएस के स्वयंसेवक ने केस दर्ज कर ये कहा था कि उन्हें असम के बरपेटा सतरा में जाने से ये कहकर रोक दिया गया था कि वे आरएसएस से जुड़े हैं।
उसी दौरान स्वयंसेवक संघ के सदस्य ने असम की स्‍थानीय अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।राहुल गांधी के वकील अंशुमन बोरा के मुताबिक यह मामला अभी भी लोकल कोर्ट में चल रहा है।

Rahul Gandhi: नोटबंदी पर अमित शाह पर टिप्पणी

Rahul Gandhi:जानकारी के अनुसार 23 जून, 2018 में एक ट्वीट के आधार पर राहुल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।राहुल ने अपने ट्वीट में ये कहा था कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को बधाई। पुराने नोटों को नई दौड़ में बदलने में आपके बैंक को प्रथम पुरस्कार मिला 750 रुपये।
पांच दिनों में करोड़! लाखों भारतीय जिनके जीवन को आपने नष्ट कर दिया। नोटबंदी आपकी इस उपलब्धि को सलाम करती है। #ShahZyadaKhaGaya”.
इस केस को लेकर राहुल के वकील अजीत जडेजा ने कहा है कि मामले पर अभी पूछताछ जारी है।अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी।

Rahul Gandhi: ‘कमांडर-इन-चोर’

Rahul Gandhi: महाराष्ट्र भाजपा नेता महेश श्रीश्रीमल ने ‘कमांडर-इन-चोर’ वाले बयान को लेकर राहुल पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था।साल 2018 में राफेल विवाद के दौरान ये बयान दिया गया था। महेश श्रीश्रीमल का कहना था राहुल का ये बयान नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना था।
इस मामले पर कुछ दिन सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।हालांकि राहुल गांधी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से संपर्क किया था और शिकायत को रद्द करने की मांग भी की थी।इस मामले की सुनवाई भी अभी शुरू नहीं हुई है।

Rahul Gandhi: संघ करवा देती है विरोधियों की हत्या

Rahul Gandhi: फरवरी 2019 में राहुल और सीपीआई (एम) जनरल सीताराम येचुरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। ये मुकदमा महाराष्ट्र के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील धृतिमान जोशी ने दायर किया था।

धृतिमान जोशी ने याचिका में ये कहा था कि पत्रकार गौरी की हत्या के 24 घंटे बाद राहुल ने ये बयान दिया था कि कोई आरएसएस और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, तो उसे चुप कराने की कोशिश की जाती है।उस पर दवाब डाला जाता है, उसे पीटा जाता है।हमले कराए जाते हैं, यहां तक की उसे जान से भी मार दिया जाता है।
इस मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।

भाजपा नेता अमित शाह पर टिप्पणी

अहमदाबाद से भाजपा के एक निगम पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने राहुल के खिलाफ मई 2019 में अहमदाबाद की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने याचिका में ये कहा कि राहुल गांधी ने जबलपुर में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह को “हत्या का आरोपी” बताया था।राहुल की इस टिप्पणी को कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने बहुत ही निंदात्मक बताया था।केस की सुनवाई एक मजिस्ट्रेट अदालत में होने वाली है।

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