सुप्रीम कोर्ट ने पीपली लाइव फिल्म के सह निर्देशक महमूद फारुकी को रेप के आरोप से बरी करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को कायम रखा है और इससे संबंधित याचिका खारिज कर दी है। रेप का आरोप लगाने वाली अमेरिकी महिला ने ये याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फारुकी और अमेरिकी महिला एक दूसरे को जानते थे और रिलेशनशिप में थे।

सर्वोच्च कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को कायम रखते हुए फारूकी को रेप के आरोपों से बरी कर दिया है। दरअसल महमूद फारूकी को दिल्ली हाईकोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि कितनी बार दोनों साथ में घूमे, कितनी बार दोनों ने साथ में ड्रिंक पिया, तथाकथित पीड़ित लडक़ी ने फारुकी को आई लव यू का सन्देश भी भेजा। कोर्ट ने पूछा कोई रेप विक्टिम किसी आरोपी को ऐसे सन्देश क्यों भेजेगी। सुप्रीम कोर्ट ने माना फारुकी और लड़की दोनों एक दूसरे के लिए अजनबी नही थे, दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी और दोनों के बीच घटना से पहले सेक्सुअल इंटरेक्शन भी था..इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फारूकी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा। हालांकि याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गयी थी कि भले ही दोनों अच्छे दोस्त थे लेकिन लड़की की सहमति से यौन संबंध नहीं बनाए गए थे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले की तारीफ की और कहा कि ये बेहद कठिन केस था। हाईकोर्ट का आदेश बहुत सोच-समझकर लिया गया फैसला था जिसे बेहद बढ़िया ढंग से समझा गया। बता दें दिल्ली की साकेत अदालत ने 2016 में महमूद फारूकी को एक अमेरिकी रिसर्चर महिला के साथ रेप के आरोप में 7 साल की सजा सुनाई थी और 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था…जून 2015 में महिला ने फारुखी के खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में शिकायत दर्ज कराई थी।

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