बिहार को लेकर एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। माना जा रहा है कि बिहार लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और जेडीयू अपनी खीर पका रही है। आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा को भी अहसास हो चला है कि वो एनडीए की जमात में शामिल तो हैं, लेकिन खीर बनाते समय उनसे यह नहीं पूछा जा रहा है कि उनकी जरुरत क्या है और शायद यही वजह है कि उपेंद्र कुशवाहा जब भी कोई प्रेस कांफ्रेस बुलाते हैं तो साफ हो जाता है कि मुद्दा चाहे कुछ भी हो, नीतीश पर वे जरुर निशाना साधेंगे।
सोमवार को पटना में उन्होंने संवाददाता सम्मेलन अपने खीर सम्मेलन और एक प्रस्तावित कार्यक्रम ‘हल्ला बोल-दरवाजा खोल‘ के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाया लेकिन इसमें उन्होंने विधिवत रूप से एनडीए के अंदर सीटों के तालमेल पर 20-20 के फॉर्मूले को खारिज कर दिया। उन्होंने अपनी मांग यह कहकर रखी कि किसी को हिस्सा से ज़्यादा नहीं, किसी को हिस्सा से कम नहीं।
सीट शेयरिंग के सवाल पर पटना में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी इस मुद्दे पर सिर्फ और सिर्फ कयास ही लगाये जा रहे हैं। कुशवाहा ने 20-20 फार्मूला को रिजेक्ट करते हुए इशारों में अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि मैं क्रिकेट नहीं खेलता इसलिए ये फार्मूला नहीं जानता। मैनें सिर्फ गिल्ली डंडा ही खेला है। बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात के सवाल को टालते हुए कुशवाहा ने कहा कि जनता से मुलाकात हो रही है ये मेरे लिये ज्यादा महत्वपूर्ण है।
इन बयानों से साफ है कि वर्तमान में जो नीतीश कुमार को सीटों की संख्या के बारे में कयास लग रहे हैं उससे कुशवाहा खुश नहीं हैं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि भाजपा नेतृत्व उनसे बात करने में कोई दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहा। इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि उनके बारे में तय माना जा रहा है कि वे देर सबेर लालू यादव के राजद के साथ जाएंगे। उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता नागमणी ने बयान भी दिया है कि जानबूझकर उन्हें महगठबंधन में भेजा जा रहा है।
एपीएन ब्यूरो