बीसीसीआई में एक वरिष्ठ अधिकारी पर यौन प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगे हैं। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (COA) चीफ विनोद राय को एक पत्र लिखा इस संबंध में पूछताछ की है। यहीं नहीं उन्होंने इस मामले में विनोद राय की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए हैं। वर्मा ने साथ में यह भी कहा कि, विनोद राय इस मामले को जिला शिकायत समिति को सौंपने के अपने कर्तव्य में विफल रहे, क्योंकि बोर्ड में यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए शिकायत समिति नहीं थी। बीसीसीआई की अपनी शिकायत समिति का गठन अप्रैल 2018 में हुआ था। पत्र में कई गंभीर मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया है।

बता दे, की आदित्य कुमार ने विनोद राय की भी जमकर आलोचना की है। पत्र में उन्होंने लिखा कि, मैं आपको आपकी स्थिति के बारे में याद दिला दूं, बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत की जानकारी को आगे बढ़ाना आप पर निर्भर था। आपने यह मामला जिला शिकायत समिति के पास भी नहीं भेजा। आदित्य ने आरोप लगाया कि, बीसीसीआई की एक महिला कर्मी के यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर विनोद राय चुप रहे।

वर्मा ने कहा कि, यह अपमानजनक है कि आपने एक वरिष्ठ कर्मचारी को बचाने के लिए कानून के खिलाफ कार्य किया। जो वर्तमान में आपके प्रति निष्ठा रखता है। समय आने पर, संचार भी सार्वजनिक किया जाएगा। आदित्य कुमार ने यौन उत्पीड़न जैसे मामलों की जांच के लिए बीसीसीआई में किसी कमेटी या ऐसे किसी सिस्टम के ना होने पर भी हैरानी जतायी है। वर्मा का आरोप है कि, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में यौन उत्पीड़न मामलों की जांच के लिए विशाखा गाइडलाइंस बनाई है। मगर विनोद राय ने सारे मामले की जानकारी होते हुए भी आंतरिक जांच भी नहीं कराई।

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