यूपी में गेहूं के खरीद बिक्री में गड़बड़झाले के आरोप सामने आते रहे हैं। कहीं गेहूं बारिश में सड़ रहा है तो कहीं केंद्र प्रभारियों की मिलीभगत से बिचौलियों का बोलबाला है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले सेंटरों पर केंद्र प्रभारियों और ठेकेदारों की मनमानी चल रही है। वहीं किसान ठगे जा रहे हैं। इसे लेकर सपा नेता शिवपाल यादव ने पत्र लिखा है। उन्होंने गेहूं खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए योगी सरकार को चिठी लिखी है, जिसमें अधिकारियों की मनमानी के आरोप लगाए गए हैं। वहीं योगी सरकार के प्रवक्ता और मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शिवपाल यादव के आरोपों को साफ नकार दिया है।

वहीं कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक बडा़ बयान दिया है। गोंडा में उन्होंने मोदी और योगी सरकार के मंत्रियों पर बड़े आरोप लगाए हैं। साफ कह दिया कि, उन्हें अपने ही पार्टी के मंत्रियों पर भरोसा नही है। दबंग सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है, दोनों न खाते है न खाने देते हैं। लेकिन सांसद ने इशारों ही इशारों में दोनों ही सरकारों के मंत्रियों की ईमानदारी पर संदेह जताया है।

सपा नेता शिवपाल यादव के पत्र पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने ईशारों में शिवपाल यादव पर हमला बोला। कहा कि यूपी में बीजेपी सरकारों ने पूरी ईमानदारी से काम किये हैं और करप्शन नहीं होने से ही विरोधियों में हड़कंप मचा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए फतेहपुर और गोंडा के डीएम को सस्पेंड किया था। लेकिन सच ये भी है कि, गेहूं खरीद केंद्रों पर मनमानी हो रही है। छह जून को हमने उत्तराखंड-उत्तरप्रदेश के बॉर्डर एरिया रामपुर सीमा पर स्थित करतारपुर गांव में बारिश के पानी में भींगे सैकड़ों क्विंटल गेंहूं की खबर दिखाई थी। जहां गेहूं को सड़ने से बचाने के लिए एक तिरपाल तक नहीं खरीदा गया। भूख मिटाकर जिंदगी को हसीन कायनात दिखानेवाला अनाज अनाथ की तरह सड़ने-गलने के लिए छोड़ दिया गया है। मौसम विभाग के लगातार अलर्ट के बावजूद गेहूं क्रय केंद्र अनाथ बना है।

                                                                                                                ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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