हैदराबाद में 2007 में हुए मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद को हैदराबाद हाइकोर्ट से जमानत मिल गई है। असीमानंद को इससे पहले अजमेर धमाके और मालेगांव समझौता ब्लास्ट केस में भी जमानत मिल चुकी है। हैदराबाद बम विस्फोट मामले में जमानत मिलने के बाद जयपुर जेल में बंद असीमानंद के जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ़ हो गया है। कोर्ट के फैसले की कॉपी मिलने के बाद आज उन्हें जेल से रिहा कर दिया जायेगा।

असीमानंद को इस मामले में जमानत हैदराबाद की एक कोर्ट से मिली है। असीमानंद को जमानत मिलने से पहले इस मामले में शामिल आठ आरोपियों में से तीन को पहले ही कोर्ट जमानत दे चुकी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक अब तक हुई सुनवाई में 166 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है जबकि 100 लोगों से पूछताछ होनी बाकी है।

असीमानंद के साथ कोर्ट ने भरत मोहनलाल रत्नेश्वर उर्फ भरत भाई को भी जमानत दे दी है। कोर्ट ने दोनों ही आरोपियों को यह जमानत 50-50 हज़ार के दो निजी मुचलके जमा कराने के निर्देश के साथ दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में दोनों के हैदराबाद से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी है। इससे पहले मामले की सुनवाई कर रहे जज रवींदर रेड्डी ने कहा कि जब भी मुक़दमे की सुनवाई के दौरान इनकी जरुरत होगी इन्हें उपस्थित होना होगा।

असीमानंद 18 मई 2007 को हैदराबाद के पुराने इलाके में स्थित मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान दोपहर 1:30 बजे हुए धमाके मामले में आरोपी है। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद 9 नवंबर 2010 को हरिद्वार पुलिस ने उन्हें आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था। इस मामले में जमानत मिलने से पहले असीमानंद 8 मार्च को अजमेर ब्लास्ट केस से भी बरी हो चुके हैं।

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