राजस्थान में मौसम बदलने के साथ ही स्वाइन फ्लू ने भी अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर 88 लोंगो पर टूटा है जिन्हें इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। स्वाइन फ्लू के इस कहर को रोकने के लिए सरकारी मशीनरी भी फेल होती दिख रही है। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामले से राज्य में लोग भय के माहौल में जी रहे हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से अब तक राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 88 लोगों की मौत हो चुकी है और 976 लोग जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं।

स्वाइन फ्लू के इस प्रकोप से विधानसभा में बैठे विधायक भी नहीं बच पाए है। विधायक अमृता मेघवाल और बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी भी स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इन दोनों विधायकों को घर में आराम करने की सलाह दी गई है।

पिछले दिनों राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में रेड अलर्ट जारी कर दिया था प्रदेश में बढ़ते स्वाइन फ्लू के देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एक बैठक भी बुलाई थी और बीमारी को रोक पाने में असफल रहने के कारणों पर विचार-विमर्श किया था। रेड अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

इसके तहत स्वाइन फ्लू प्रभावित राज्य के इलाकों में कई टीमें रवाना की गई हैं ताकि इस बीमारी पर काबू पाया जा सके। स्वास्थ्य कार्यकर्ता मरीजों के प्रभाव में आने वाले उन लोगों को भी दवाएं दे रहे हैं जिनके अंदर फ्लू के लक्षण हैं। स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाए गए हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से अब तक प्रदेश में 976 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, और 88 की स्वाइन फ्लू से मौतें हो चुकी हैं।

बता दें, जनवरी 2017 में राज्य में स्वाइन फ्लू से मौत का केवल एक मामला सामने आया था जबकि जनवरी 2016 में 19 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2015 में स्वाइन फ्लू के कुल 173 मामले पॉजिटिव पाए गए थे और 43 लोगों की मौत हो गई थी।

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