दिल्ली में पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने सोमवार को साउथ ब्लॉक में सड़क पर बिना कपड़ों के प्रदर्शन किया। बता दें कि साउथ ब्लॉक में ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) है। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को किसानों की पीएमओ दफ्तर के एक अधिकारी से मुलाकात होनी थी, लेकिन किसी वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका।
इससे नाराज किसानों ने पीएमओ के बाहर अपने कपड़े उतार दिए और नारेबाजी करने लगे, कुछ किसान न्यूड होकर सड़क पर लोटने लगे। जब हालात ज्यादा बिगड़ने लगे तो अधिकारी सात किसानों को पीएमओ के अंदर ले गए।
तमिलनाडु के इन किसानों की मांग है कि राष्ट्रीय बैंकों के उनके कर्ज को माफ करने और 40,000 करोड़ रूपये का सूखा राहत पैकेज दिलाने का इंतजाम किया जाए। इसके साथ ही किसान कावेरी बोर्ड के गठन की भी मांग कर रहे हैं। जिससे राज्य में पानी की किल्लत को दूर किया जा सके ।
किसानों को समर्थन देने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और डीएमके नेता स्टालिन भी धरना स्थल पर गए थे। राज्यसभा में भी तमिलनाडु के किसानों की कर्ज माफी पर बड़ा हंगामा हुआ था। सांसदों ने पूरे देश में किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की थी।
तमिलनाडु के एक किसान अय्याकन्नू ने कहा, “पीएम मोदी ने मिलने से इंकार कर दिया, इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ा। हमारे राज्य की दयनीय स्थिति को देखिए। हम यहां पीएम से ही मिलने आए थे, लेकिन उन्होंने मिलने नहीं दिया। हमारे पास और कोई चारा नहीं था।’
किसानों के समर्थन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को धरना स्थल पहुंचे। राहुल गांधी ने कहा, ‘पीएम इस देश के अमीर लोगों का कर्ज माफ कर देते हैं, तो इस देश को बनाने वाले लोगों का, किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ करते?’
राहुल ने कहा, ‘यहां ये लोग कितने दिनों से बैठे हैं, इनकी आवाज न हिंदुस्तान की सरकार और न पीएम सुन रहे हैं। पिछले तीन सालों में 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपए हिंदुस्तान के 50 बड़े कारोबारियों के माफ किए गए हैं। साथ ही राहुल ले कहा, ‘इनकी क्या गलती है?, क्यों इनकी मदद नहीं की जा रही है? पीएम की जिम्मेदारी है कि इनकी बात सुनें और जो इनकी मुश्किलें हैं उनको ठीक करें। हम तमिलनाडु और दिल्ली में किसानों की पूरी मदद करेंगे।’