बिहार की राजनीति में चल रहे इफ्तार डिप्लोमेसी के बीच रविवार की शाम को राष्ट्रीय लोक समता के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के महागठबंधन में शामिल होने के न्योते को ठुकरा दिया है।
कुशवाहा ने महागठबंधन का न्योता ठुकराते हुए कहा कि आरजेडी ने अपना जनाधार खो दिया है इसलिए ऐसे बयान आ रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि देशहित में मोदी का पीएम बने रहना जरूरी है और वह उनका साथ देंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ही अगली बार प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा, कि ‘आरजेडी पहले अपना कुनबा संभाले, आरजेडी की जमीन खिसक रही है, इसलिए वे हमें निमंत्रण दे रहे हैं।
वहीं उन्होंने एनडीए में किसी प्रकार के मतभेद से इनकार करते हुए कहा कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है। उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान ने बिहार के उस सियासी पारे को गिरा दिया जो रविवार को तेजस्वी के एक ट्वीट के बाद चढ़ गया था।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा को हम महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता देते है। उन्हें विगत 4 साल से NDA में उपेक्षित किया जा रहा है। बीजेपी उनके साथ सौतेला और पराया व्यवहार कर रही है। इसी दौरान बीजेपी ने नीतीश जी के साथ मिलकर उनकी पार्टी को तोड़ने की साज़िश भी रची।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 10, 2018
दरअसल रविवार को आरजेडी नेता और पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा कि बीजेपी उपेंद्र कुशवाहा का सम्मान नहीं कर रही है। उन्होंने लिखा कि ‘उपेंद्र कुशवाहा को 4 सालों से एनडीए में उपेक्षित किया जा रहा है। हम उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का न्योता देते हैं।’ अभी तेजस्वी की इस राजनीतिक चाल पर चर्चे शुरू ही हुए थे कि उपेंद्र कुशवाहा ने मामला ही पलट दिया।
बता दें कि कि कुशवाहा के इफ्तार पार्टी में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की तरफ से कोई भी बड़ा नेता शामिल नहीं हुआ, लेकिन कुशवाहा से इफ्तार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय शामिल हुए।