मल्टिनैशनल कंपनी ऐपल में एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी पर कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को यूपी पुलिस के सिपाही एकजुट हुए। डीजीपी की चेतावनी के बावजूद लखनऊ के विभिन्न थानों के सिपाहियों ने ‘ब्लैक डे’ मनाया। गुड़म्बा, नाका, अलीगंज थानों में यूपी पुलिस के सिपाही बांह पर काली पट्टी बांधे हुए दिखाई दिए। डीजीपी के निर्देशों के बावजूद सिपाहियों द्वारा इस तरह प्रदर्शन करने पर अलीगंज, गुड़म्बा और नाका थाने के थानाध्यक्ष को हटा दिया गया। विवेक तिवारी की हत्या के मामले में आरोपी कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी और संदीप की गिरफ्तारी का विरोध करने बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र यादव भी पहुंचा।

हालांकि, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बृजेंद्र यादव के पास से काली पट्टी और झंडे मिले। पुलिस वेलफेयर असोसिएशन का खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष बताने वाले बृजेंद्र ने सोशल मीडिया के जरिए सिपाहियों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने और विरोध में अराजपत्रित पुलिसकर्मियों से 11 अक्टूबर को मेस का बहिष्कार एवं भूख हड़ताल करने की अपील की थी। वाराणसी पुलिस लाइन में बृजेंद्र शुक्रवार को बैठक में शामिल होने वाला है इस बात की जानकारी मिलने पर कैंट पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि पूछताछ के बाद बृजेंद्र को गिरफ्तार किया गया है।

बता दें कि अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर असोसिएशन को पुलिस महकमे से मान्यिता नहीं मिली है और इसे फर्जी बताया जाता है।  विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी पुलिसकर्मियों के समर्थन में कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा काली पट्टी बांधकर काम करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर प्रवीण कुमार ने बताया कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं। हमने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने पहले से ही इस मामले को सर्विलांस पर ले रखा है, उसमें पाया गया है कि कुछ बर्खास्त पुलिसकर्मी इस तरह की बातें कर रहे हैं। हमने इस मामले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

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