आजमगढ़ शहर के मुख्य चौक के पास बने वेस्ली इंटर कॉलेज की स्थापना 1837 में यानि आजादी से भी 110 साल पहले हुई थी। आज़ादी से पहले और बाद में भी इसका गौरवशाली इतिहास रहा है। यहाँ से पढ़ कर हज़ारों की संख्या में छात्रों ने स्वाधीनता संग्राम में बड़ी भूमिका निभाई वहीं वर्तमान में यहां के छात्र देश-विदेश में बड़े पदों पर तैनात हैं। क्लास 6 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई कराने वाले इस इंटर कॉलेज में कभी एडमिशन लेने के लिए मारा मारी की स्थिति रहती थी लेकिन अब ये इंटर कॉलेज अपनी गुरबत के दिन झेल रहा है। इस इंटर कॉलेज का अतीत जितना गौरवशाली रहा है वर्तमान उतनी ही अंधकारमय नजर आ रहा है।

कॉलेज की इमारत करीब 180 साल पुरानी है जो अब मरम्मत के अभाव में खंडहर में तब्दील होती जा रही है। सभी क्लास की स्थिति बेहद दयनीय है। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारे बन गई हैं, कई जगहों पर प्लास्टर झड़ गए हैं। छत की प्लास्टर भी झड़ रही है और यहां पढ़ने वाले बच्चों पर इनके गिरने का हर वक्त खतरा बना रहता है। इसी जर्जर इमारत के नीचे स्कूल के करीब 150 बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं।

मिशनरी ट्रस्ट के इस इंटर कॉलेज में नियुक्त शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से ही सैलरी दी जाती है लेकिन मैनेजमेंट में विवाद होने से यहां शिक्षा व्यवस्था पंगु बन गई है।  यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए 37 शिक्षकों के पद हैं लेकिन फिलहाल यहां 19 तैनात हैं। स्कूल की बदहाली की वजह से यहां दिन-ब-दिन बच्चों की संख्या घटती जा रही है ऐसे में 19 टीचर भी बच्चों की संख्या के लिहाज से काफी है। इस स्कूल की मरम्म्त के लिए सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है जिसकी वजह से ये ऐतिहासिक स्कूल अब ढहने की कगार पर है।

इस इंटर कॉलेज में करीब 150 बच्चे क्लास 6 से 12 तक की पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन यहां आज हालत ये है कि इन्हें शिक्षा की बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही है। स्कूल में कंप्यूटर लैब की व्यवस्था नाम मात्र की है। यहां की दरो-दीवार से बदहाली साफ झांक रही है। स्कूल में शौचालय नहीं है जबकि यहां लड़के और लड़कियां दोने पढ़ते है। सुविधाओं की कमी का खामियाजा यहां पढ़ाई करने वाले बच्चे उठा रहे हैं। स्कूल परिसर में गंदगी का ढेर लगा है। असामाजिक तत्वों ने स्कूल की बाउंड्री को तोड़ दिया है। स्कूल बंद होने के बाद नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। हाल ये है कि दबंगों ने स्कूल की जमीन पर कई जगह अवैध कब्जा कर लिया है। इसका विरोध करने पर आसामाजिक तत्व जान से मारने की धमकी देते है। एक बार तो प्रिंसिपल पर फायरिंग तक हो चुका है।

सरकार एक तरफ लंबा चौड़ा बजट बनाकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार का दावा करती है लेकिन हकीकत दावों से कोसो दूर है। आजमगढ़ में बच्चों को शिक्षित करने के लिए आंगनबाड़ी, प्राइमरी स्कूल, जूनियर हाईस्कूल और इंटर कॉलेज की व्यवस्था तो है लेकिन गिनती के स्कूलों को छोड़ दें तो हालात बेहद खराब है, वेस्ली इंटर कॉलेज जैसी जगहों पर तो स्थिति भयावह बन गई है। स्कूल में ना तो शिक्षा की और ना ही सुरक्षा की गारंटी मिल रही है, ऐसे में घूम फिर के वही सवाल, कैसे पढें, कैसे बढ़े बच्चें ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here