Delhi Cantt Rape Case : ‘रेप के दौरान दम घुटने से हुई थी नाबलिग दलित लड़की की मौत, Porn का आदी था पुजारी राधेश्‍याम’

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Delhi Cantt Rape Case
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Delhi Cantt Rape Case मामले में दिल्‍ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि रेप के दौरान दम घुटने से नाबालिग की मौत हुई थी। दिल्‍ली पुलिस के अुनसार पुजारी राधेश्‍याम पॉर्न मूवी देखने को आदि था। एक अगस्‍त को दिल्ली छावनी (Delhi Cantonment) के पास एक श्मशान में एक पुजारी और उसके साथियों द्वारा नौ वर्षीय लड़की से बलात्कार किया था, जिसमें पीड़िता मौत हो गई थी। अब इस मामले में दो आरोपियों द्वारा किए गए खुलासे के बाद Delhi Police ने दिल्ली की अदालत को बताया कि दलित लड़की की मौत दम घुटने के कारण हुई थी।

सह-आरोपी का Disclosure Statement

आरोपी व्यक्तियों ने खुलासा किया है कि शाम लगभग 6:15 बजे आरोपी पुजारी राधेश्याम (Radhey Shyam) और कुलदीप सिंह (Kuldeep Singh) मृतक लड़की को बराम्‍दा से राधेश्याम के हॉल में ले गए। जहां पुजारी राधे श्याम और कुलदीप सिंह ने उसे तख्‍त पर लेटाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म करते हुए आरोपी कुलदीप ने मृतका का हाथ पकड़ लिया और आरोपी राधेश्याम ने उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी राधेश्याम ने मृतक के मुंह पर हाथ रखा, जिससे वह सांस नहीं ले पा रही थी और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपी राधेश्याम व कुलदीप सिंह ने मृतका के शव को राधेश्याम के कमरे से वाटर कूलर वाले हॉल में ले जाकर बेंच पर रख दिया।

यह पहली बार सामने आया है कि मृतक लड़की की मौत “घुटन” से हुई थी, न कि बिजली के झटके से, जैसा कि पहले आरोपियों के द्वारा कहा जा रहा था। आरोपियों के द्वारा उसके साथ बेरहमी से बलात्कार किया गया, उसकी हत्या कर दी गई और उसके शरीर का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया।

28 अगस्‍त को चार्जशीट दाखिल हुई थी

दिल्ली पुलिस ने 55 वर्षीय आरोपी राधेश्याम और उसके तीन साथियों कुलदीप सिंह, सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण के खिलाफ 28 अगस्‍त 2021 को चार्जशीट दाखिल की थी। 12 अगस्‍त 2021 को दिल्ली कोर्ट के समक्ष दिए गए अपने बयान में पुलिस ने कहा था कि सह-आरोपी अहमद और नारायण मुख्य रूप से सबूतों को नष्ट करने और दाह संस्कार करने में शामिल थे। दिल्ली की अदालत ने 9 सितंबर 2021 को धारा 302/376 (A)(DB) /342/ 466/ 474/ 506( ii) /201 /34 /120 B भारतीय दंड संहिता, 5(G) 5(M)/6 यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (Pocso) अधिनियम और 3(1)(S), 3(2)(V) अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने 29 सितंबर 2021 को आरोपियों को तलब किया है।

आरोपियों द्वारा दिए गए खुलासे के बयानों की अब फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) और पोस्टमॉर्टम (PM) रिपोर्टों से पुष्टि हो गई है, जिसमें Electrocution के कारण मौत भी शामिल है।

Electrocution का कोई सबूत नहीं : दिल्ली पुलिस

पुलिस ने “Electrocution Theory” को खारिज कर दिया। पुलिस ने कहा, “उस दिन की अपराध स्थल की FSL निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, वाटर कूलर में कोई भी Electric Current नहीं था, कूलर शमशान घाट के विद्युत सॉकेट से जुड़ा था। साथ ही फोरेंसिक विशेषज्ञ की रिपोर्ट के अनुसार वाटर कूलर में कोई जैविक द्रव/ DNA Trace /नमूना नहीं पाया गया, जो स्पष्ट रूप से यह बताता है कि मृतक को करंट नहीं लगा था। क्योंकि करंट लगने की स्थिति में वाटर कूलर में DNA Trace मौजूद होते।”

PM रिपोर्ट की के अनुसार यह भी पता चला कि, “शरीर के जांच के दौरान भी अंगों से इलेक्ट्रोक्यूशन से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला।”

दो लोगों ने पीड़िता को ले जाते देखा था

बलात्कार के कारण पीड़ित परिवार के लिए अंतरिम मुआवजे के लिए दिल्ली महिला आयोग (DCW) द्वारा एक आवेदन के जवाब में IO द्वारा दायर बयान में कहा गया है कि आरोपी श्याम और सिंह को दो गवाहों द्वारा पीड़ित लड़की को ले जाते हुए देखा गया था। श्मशान भवन का बरामदा श्याम के कमरे की ओर जहां उसके साथ पर बलात्कार किया गया। जांच अधिकारी के मुताबिक इन दोनों गवाहों ने भी मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया है।

City Court ने दिया ढाई लाख का मुआवजा देने का आदेश

14 सितंबर ASJ आशुतोष कुमार Ashutosh Kumar ने निर्देश दिया है कि लड़की के परिवार को 2.5 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा तुरंत दिया जाए। अदालत ने कहा है कि दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना 2018 (Delhi Victim Compensation Scheme 2018) के तहत सामूहिक बलात्कार के मामले में अधिकतम मुआवजा 10 लाख रुपये है। इसलिए, मृतक पीड़ित बच्चे की मां 10 लाख रुपये के 25% यानी 2,50,000/- रुपये केअंतरिम मुआवजे की हकदार है।

इससे पहले, अदालत ने इसी योजना के तहत हत्या के मुआवजे के रूप में 2.5 लाख रुपये दिए थे और पक्षों को बलात्कार के मामले में अंतरिम मुआवजे के लिए फिर से संपर्क करने के लिए कहा था, क्योंकि उस समय पुलिस यह कहने में सक्षम नहीं थी कि हत्या से पहले पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया था।

पुजारी राधेश्याम Porn का आदी था : दिल्ली पुलिस  

पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि श्याम के मोबाइल की सर्च हिस्ट्री से पता चला है कि वह अश्लील सामग्री और Porn Content का आदी था। उसने 11 जून से 30 जुलाई तक लगभग 1,300 Porn Websites को Visit किया था। उन्‍होंने मृतक को जगाने के लिए भी Porn Content दिखाई थी। वह अपने स्मार्ट फोन का इस्तेमाल केवल पोर्न देखने के लिए करता था क्योंकि फोन पर कोई कॉल लॉग नहीं मिला था। उसने फोन को सभी से छुपा के रखा था।

मामले की पृष्ठभूमि

घटना 1 अगस्त 2021 को दिल्ली कैंट (Delhi Cantt) एरिया में हुई थी। पीड़िता की मां के बयान के मुताबिक, वह मूल रूप से राजस्थान Rajasthan की रहने वाली है, लेकिन बचपन से ही दिल्ली (Delhi) में रहती है और फिलहाल वह अपनी बेटी और पति के साथ इलाके में रहती है।

PCR Forms से यह पता चला मृतक की मां ने PCR Staff को बताया था कि उसकी नौ वर्षीय बच्ची चली गई थी। शाम को श्मशान में वाटर कूलर से पानी लाने के लिए गई थी और वो नहीं लौटी है। कुछ देर बाद श्मशान के पुजारी ने उसे बताया कि उसकी बेटी को करंट लग गया। इसके बाद वो श्मशान गई, जहां पुजारी ने उसकी अनुमति के बिना उसकी बेटी का अंतिम संस्कार किया।

https://youtu.be/jPZtJgKC6Yk

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