Delhi Police ने अदालत में Section 175 के तहत नोटिस देकर ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी (Twitter CEO Jack Dorsey) और भारत के पूर्व प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी (Manish Maheshwari ) के खिलाफ मंच पर बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार पर कार्रवाई की मांग की है।
दिल्ली पुलिस ने उल्लेख किया है कि कैसे ट्विटर ने जानबूझकर उनके द्वारा मांगे गए हैंडल के बारे में जानकारी नहीं दी और आपसी कानूनी सहायता संधि (MLAT) जैसे तंत्रों को लागू करके देरी की रणनीति का इस्तेमाल किया।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की शिकायत के बाद कथित तौर पर अपने मंच पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अनुमति देने के लिए ट्विटर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
मामला भारतीय दंड संहिता (IPC), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और आईटी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था। एनसीपीसीआर ने दावा किया था कि ट्विटर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और डार्क वेब के कई लिंक उपलब्ध हैं। हालांकि, ट्विटर ने अपने जवाब में कहा कि ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंक दो अलग-अलग निकाय हैं और मंच पर और सामग्री पर कोई नियंत्रण नहीं है।
आयोग द्वारा आगे की जांच में पाया गया कि ट्विटर इंक के पास ट्विटर इंडिया के 99 प्रतिशत शेयर हैं। प्राथमिकी में एक शिकायत का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि कैसे एक फैक्ट चेक वेबसाइट के सह-संस्थापक ने एक नाबालिग लड़की को ऑनलाइन परेशान किया।
इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि कैसे ट्विटर ने भारतीय एजेंसियों को मामले की सूचना नहीं दी और अमेरिकी एजेंसियों को विवरण प्रस्तुत किया, जो कि पॉक्सो अधिनियम का उल्लंघन है।