Diwali 2021: जानें कब है दीपावली, शुभ मुहूर्त एवं पूजा–विधि

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Diwali 2021: दिवाली कब है? जानिए लक्ष्मी और गणेश पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में (PHOTO: social media)

भारत में मनाए जाने वाले बड़े त्योहारों में से एक है दीपावली, इसे काफी धुमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष दीपावली यह 4 नवंबर, 2021 गुरुवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा से जुड़ा हुआ है।

Narak Chaturdashi 2021
Narak Chaturdashi 2021

दिवाली 2021: तारीख और समय

लक्ष्मी पूजा: गुरुवार, 4 नवंबर, 2021
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 06:06 PM to 08:49 PM
अवधि – 02 घंटे 43 मिनट

निशिता काल मुहूर्त

महानिशिता काल – 12:27 पूर्वाह्न से 01:21 पूर्वाह्न, 05 नवंबर
सिंह काल – 01:14 पूर्वाह्न से 03:43 पूर्वाह्न, 05 नवंबर
प्रदोष काल – 06:06 अपराह्न से 08:49 अपराह्न
वृषभ काल – 06:37 अपराह्न से 08:27 अपराह्न
अमावस्या तिथि शुरू – 08:33 अपराह्न, 03 नवंबर, 2021
अमावस्या तिथि समाप्त – 05:14 अपराह्न 04 नवंबर, 2021
दिवाली 2021: दिवाली लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त

सुबह का मुहूर्त – 07:40 AM से 08:59 AM
दोपहर का मुहूर्त – सुबह 11:35 से दोपहर 03:30 बजे तक
शाम का मुहूर्त – 04:48 अपराह्न से 05:14 अपराह्न

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दिवाली का महत्व

पांच दिनों का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और उसके बाद नरक चतुर्दशी होती है, फिर अमावस्या की सबसे अंधेरी रात को दिवाली मनाई जाती है। चौथे दिन गोवर्धन पूजा और बलिप्रतिपदा और उसके बाद पांचवें दिन भाई दूज। विजयदशमी के बीस दिन बाद दिवाली मनाई जाती है।

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दिवाली 2021: लक्ष्मी पूजा अनुष्ठान

  • लोग अपने घर की साफ-सफाई और सजावट करते हैं।
  • मांगलिक कलश को घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर नारियल से ढक कर रखना शुभ माना जाता है।
  • पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद एक उठे हुए चबूतरे पर दायीं ओर लाल कपड़ा बिछा दें. भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित करें।
  • मूर्तियों को रेशमी कपड़े और आभूषणों से सजाएं।
  • बायीं ओर सफेद कपड़े पर नवग्रह स्थापित करें।
  • नवग्रह के पास कुछ ही दूरी पर षोडश पूजा के लिए सोलह स्लॉट तैयार करें।
  • लक्ष्मी पूजन विधि के अनुसार पूरे विधि-विधान का पालन करते हुए समर्पण भाव से पूजा करनी चाहिए।
  • कुछ भक्त दिन भर के उपवास के बाद पूजा करते हैं।
  • लाल फूल, कमल का फूल और गेंदा का फूल अर्पित करना है।
  • पांच फल चढ़ाएं, अनार (अनार) जरूर शामिल करें।
  • कुछ लोग पूजा स्थल पर कलम और स्याही का बर्तन रखते हैं।
  • चांदी और सोने के सिक्कों को देवी लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
  • तैयारी के बाद पूजा शुरू होने से पहले मिट्टी के दीये जलाकर मुख्य द्वार और घर के अन्य स्थानों पर लगाएं।

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